छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक मंदिर में दर्शन करने पहुंचे द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद साईं बाबा की प्रतिमा देख भड़क गए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए सवाल उठाया कि राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम? साथ ही उन्होंने बोला कि जब तक मंदिर से साईं की मूर्ति नहीं हटेगी वह वहां प्रवेश नहीं करेंगे। यदि मंदिर से मूर्ति हटा दी जाएगी तो वह स्वयं वहां आकर पूजा करेंगे।
दरअसल, बृहस्पतिवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद छिंदवाड़ा आए थे। इस के चलते वह छोटी बाजार मौजूद बड़ी माता मंदिर तथा श्रीराम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। सबसे पहले अविमुक्तेश्वरानंद बड़ी माता मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना करने पहुंचे। इसी के चलते उनकी नजर मंदिर की दीवार में लगी एक टाइल्स पर पड़ी, इस टाइल्स में साईं बाबा का चित्र बना था। इसे देखते ही अविमुक्तेश्वरानंद नाराज होते हुए मंदिर से बाहर निकल गए। पंडित ने उन्हें रोकने का भी प्रयास किया मगर वह नहीं रूके।
वही स्वामी जी को जो शिष्य बड़ी माता मंदिर ले गया था, उसे उन्होंने सभी के समक्ष लताड़ लगाई। स्वामी जी ने शिष्य पर विश्वास तोड़ने का इल्जाम लगाते हुए कहा कि हमने तुम पर भरोसा किया, हमारा संकल्प है कि जिस मंदिर में साईं है, वहां हम नहीं जाएंगे। फिर भी तुमने भरोसे को तोड़ा। हमें ऐसे मंदिर में ले गए, अब दोबारा हमारे सामने मत आना। तुमने हमें धोखा दिया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम के मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा देखकर मन दुखी हो गया। आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। जब तक साईं बाबा की प्रतिमा इन मंदिरों में रहेगी, हम यहां प्रवेश नहीं करेंगे। मंदिर समिति साईं को हटा दे, तो खुद यहां आकर पूजा करेंगे। मंदिर को पवित्र करना पड़ेगा।
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