क्या आप सभी जानते है कि 12 जनवरी को देश स्वामी विवेकानंद की 157वीं जयंती मनाएगा. स्वामी विवेकानंद एक ऐसे महापुरुष थे जिनके विचारों को युग-युगांतर तक हर भारतीय अपने आचरण में उतारने के लिए प्रेरित होते रहेगा. वहीं युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद ने दुनिया के सामने हिंदुत्व के विचारों को रखा और सनातन परंपरा को आगे बढ़ाया.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि स्वामी विवेकानंद ने अपने हर विचार को बुद्धि और तर्क के जरिए स्थापित किया. वो स्वामी रामकृष्ण परमहंस के परम शिष्य थे और बचपन से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे. रामकृष्ण परमहंस ने उनके हर प्रश्न का समाधान कर उनकी बुद्धि को भक्ति में बदल दिया था. वहीं विवेकानंद ने एक बार स्वामी रामकृष्ण परमहंस से सवाल किया- 'मैं समय नहीं निकाल पाता. जीवन आपाधापी से भर गया है.' इस पर रामकृष्ण परमहंस ने जवाब दिया- 'गतिविधियां तुम्हें घेरे रखती हैं, लेकिन उत्पादकता आजाद करती है.' स्वामी विवेकानंद के विचार हर किसी के जीवन को एक नई दिशा देने के लिए काफी हैं.
1. जो मदद करते हैं उनको कभी मत भूलो: स्वामी विवेकानंद का कहना था कि पढ़ने के लिए एकाग्रता जरूरी है और एकाग्र होने के लिए ध्यान जरूरी है. वो कहते थे कि ध्यान से ही हम अपनी इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त किया जा सकता है. वहीं विवेकानंद कहा करते थे कि जो लोग आपकी मदद करते हैं, उन्हें कभी मत भूलो. जो आपको प्यार करते हैं, उनसे कभी घृणा मत करो. जो लोग तुम पर भरोसा करते हैं, उन्हें कभी भी धोखा नहीं देना चाहिए.
2. वहीं हम आपको बता दें कि स्वामी विवेकानंद को दमा और शुगर की बीमारी थी उन्होंने एकबार कहा था कि ये बीमारियां मुझे 40 साल भी पार नहीं करने देंगी. उनकी कही बात ये बात सच साबित हुई और 4 जुलाई 1902 को महज 39 साल की उम्र में उनका दिहांत हो गया.
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