भारत की समृद्धि और उत्थान में महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने अहम भूमिका निभाई थी. आज ही के दिन साल 1863 में पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता में उनका जन्म हुआ था. उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, लेकिन सन्यासी जीवन में आने के बाद उनका नाम स्वामी विवेकानंद हो गया. बेहद कम उम्र में ही उन्होंने वेद और दर्शन शास्त्र का ज्ञान हासिल कर लिया था. आइए जानते हैं महज 25 साल की उम्र में गुरु से प्रेरित होकर सांसारिक मोह-माया त्याग कर सन्यासी जीवन अपनाने वाले स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें...
स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी 10 बातें
1. स्वामी विवेकानंद का जन्म कलकत्ता के कायस्थ परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था. उनके पिता कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील थे, जबकि मां धार्मिक विचारों वाली महिला थीं.
2. स्वामी विवेकानंद जब 1871 में आठ साल के हो गए थे, तब वे पहली बार स्कूल गए थे.
3. नरेंद्रनाथ दत्त ने महज 25 साल की उम्र में घर-बार छोड़कर सन्यासी जीवन अपना लिया था.
4. स्वामी विवेकानंद के गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था. स्वामी विवेकानंद और परमहंस की मुलाकात 1881 में कलकत्ता के दक्षिणेश्वर के काली मंदिर में हुई थी. परमहंस ने ही उन्हें शिक्षा प्रदान की थी.
5. स्वामी विवेकानंद बड़े अतिथि-सेवी थे, वह खुद भूखे रहकर अतिथियों को खाना खिलाते थे और बाहर ठंड में ही वे सो जाया करते थे.
6. जब विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस से मिले थे, तब उन्होंने सवाल किया कि 'क्या आपने भगवान को देखा है?' रामकृष्ण परमहंस ने जवाब दिया- 'हां मैंने देखा है, मैं भगवान को उतना ही साफ देख रहा हूं जितना कि तुम्हें देख सकता हूं. इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर सकता हूं.'
7. अमेरिका में हुई धर्म संसद आज भी इतिहास में दर्ज है. जब स्वामी विवेकानंद में धर्मसंसद में 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' के संबोधन से भाषण शुरू किया तो पूरे दो मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में लगातार तालियां बजती रहीं. 11 सितंबर 1893 का यह दिन हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास बन गया.
8. स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 को 34 वर्ष की उम्र में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को गंगा के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी.
9. स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के ख़ास मौकर पर हर साल भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसकी शुरुआत साल 1985 को हुई थी.
10. स्वामी विवेकानंद दमा और शुगर जैसी जानलेवा की बीमारी से पीड़ित थे.अपनी बीमारी को लेकर उन्होंने कहा भी था कि 'ये बीमारियां मुझे 40 साल भी पार नहीं होने देंगी.' वहीं अपनी मृत्यु के बारे में उनकी भविष्यवाणी सच साबित हुई. जहां उन्होंने महज 39 बरस की कम उम्र में ही 4 जुलाई 1902 को बेलूर स्थित रामकृष्ण मठ में ध्यानमग्न अवस्था में प्राण त्याग दिए.
भाजपा महाधिवेशन: अमित शाह का शंखनाद, कहा 2019 में मोदी बनाम ऑल पार्टी का है युद्ध
यूपी के पशुपालन मंत्री का बड़ा ऐलान, 200 गाय पालो सरकार प्रतिदिन देगी 6000 रुपए
कोलकाता: युवा कांग्रेस ने किया 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' का विरोध,सड़क पर जलाया पोस्टर
नहीं थम रहा सीबीआई में उठा तूफ़ान, पद मुक्त होने के बाद अलोक वर्मा ने दिया इस्तीफा