नई दिल्ली : यह खबर विदेश जाकर नौकरी करने वालों के लिए चेतावनी है कि कई झूठे वादों और सुविधाओं का झांसा देकर नियोक्ता न केवल वेतन रोकता है, बल्कि अपने मुल्क वापस लौटने के रास्ते भी बन्द कर देता है. ऐसा ही मामला सऊदी अरब का सामने आया है, जहां 29 भारतीयों को जबरन बंधक बनाकर रखा गया है.विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को मिली एक चिट्ठी ने इस मामले को उजागर किया. उसके बाद ही सुषमा स्वराज सक्रिय हो गईं .सुषमा स्वराज ने सऊदी में भारतीय राजदूत अहमद जावेद को उनकी रिहाई की कार्रवाई शुरू करने के आदेश दे दिए हैं.
गौरतलब है कि टी रामा राव ने एक चिट्ठी लिखकर सऊदी की एक कंपनी में बंधक बनाकर रखे गए 29 कामगारों की सुरक्षित रिहाई कराए जाने में सुषमा स्वराज से मदद मांगी थी.राव ने बताया, 'कंपनी ने सभी 29 भारतीयों को कांजी शहर के बोदार इलाके में एक कमरे में रखा है, उन्हें 12 दिनों से भूखा-प्यासा रखा गया है, उन्हें दवाओं जैसी जरूरी सुविधाएं भी नहीं दी जा रहीं. इसके बाद सुषमा स्वराज ने सम्बन्धित राजदूत को ट्वीट कर तुरन्त कार्रवाई के निर्देश दिए.
बता दें कि रामा राव केअनुसार जब भारतीय कामगारों ने अपने शहर जाने के लिए छुट्टियां मांगीं तो उनसे 50,000 डॉलर मांगे गए और कंपनी ने उन्हें यात्रा का खर्च भी देने से भी इंकार कर दिया गया.फिर न्याय के लिए कामगार लेबर कोर्ट और आमिर कोर्ट गए, जहाँ आमिर कोर्ट ने कंपनी को उन्हें तीन दिनों के भीतर भारत भेजे जाने और यात्रा खर्च उठाने का आदेश दिया.राव को कामगारों की इस व्यथा की जानकारी बोरागला शेखर नाम के शख्स ने दी जो वहां फंसे 29 भारतीयों में से एक हैं.राव ने स्वराज के साथ शेखर का नंबर भी साझा किया.
यह भी पढ़ें
UAE में भारतीय का भाग्य चमका,लॉटरी में जीते 13 करोड़
सऊदी अरब गए 27 भारतीय जायरीन लापता, जाँच में जुटी पुलिस