स्वराज कौशल का बड़ा बयान, कहा- 'सरकार ने सुनी ब्रू जनजातियों की समस्या और'...

स्वराज कौशल का बड़ा बयान, कहा- 'सरकार ने सुनी ब्रू जनजातियों की समस्या और'...
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नई दिल्ली: सरकार ने हाल ही में दो दशक पुरानी पूर्वोत्तर भारत की ब्रू जनजातियों की समस्या का समाधान निकला था. वहीं इसे लेकर अब सुषमा स्वराज के पति और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. जंहा मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने रविवार यानी 19 जनवरी 2020 को कहा कि नई दिल्ली ने लगभग 34,000 ब्रू जनजातियों की समस्या को सुना और उसका निवारण किया है. 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार  'यह एक शानदार संदेश है कि देश सबकी परवाह करता है. ये विद्रोह क्यों होते हैं क्योंकि लोगों को शिकायत थी कि जब तक आप हथियार नहीं उठा लेते तब तक यह देश परवाह नहीं करेगा. हालांकि, अब यह साफ है कि दिल्ली ने इसे सुना और समस्या का निवारण किया.' वहीं  बता दें कि सरकार का कहना है कि मिजोरम से भागकर आए और त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में रह रहे 30 हजार से अधिक ब्रू जनजातियों को अब वापस जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. केंद्र, त्रिपुरा, मिजोरम और ब्रू जनजातियों के प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के बाद अब उन्हें त्रिपुरा में ही बसाया जाएगा. इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह ने 600 करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया है.

कौशल ने आगे कहा, 'हमारी आबादी 130 करोड़ है. इस (ब्रू) जनजाति की आबादी 2 लाख है. यहां, हमारे पास भारत सरकार और भारत के गृह मंत्री हैं, जो 2 लाख लोगों की एक मानवीय समस्या का समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं, जिनमें 34,000 लोग सबसे खराब व्यवस्था में हैं.' वहीं यह भी कहा जा रहा है कि समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अमित शाह ने कहा कि ब्रू जनजातियों को त्रिपुरा में घर के लिए जमीन दिया जाएगा. इसके साथ ही पांच हजार से अधिक परिवारों में से प्रत्येक परिवार के खाते में चार लाख रुपये की फिक्स्ड डिपोजिट किया जाएगा, जिसे वे दो साल बाद निकाल सकेंगे. इसी तरह उन्हें दो साल के लिए हर महीने 5000रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. इसके अलावा उन्हें प्रति व्यक्ति के हिसाब से दो साल तक खाने के लिए मुफ्त राशन भी उपलब्ध कराया जाएगा. त्रिपुरा सरकार की ओर से दी गई जमीन का मालिकाना हक मिलने के बाद उन्हें डेढ़ लाख रुपये मकान बनाने के लिए दिए जाएंगे. बता दें कि कौशल ने 1990 और 1993 के बीच मिजोरम के राज्यपाल के रूप में काम किया जाने वाला है.

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