नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को सोमवार (2 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि बिभव कुमार 100 दिनों से न्यायिक हिरासत में है और आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। न्यायमूर्ति भुयान ने कहा कि, "(मालीवाल को) मामूली चोटें आईं है। यह जमानत का मामला है, आपको इसका विरोध नहीं करना चाहिए। आप ऐसे मामले में किसी व्यक्ति को जेल में नहीं रख सकते।" दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि, "कुछ महत्वपूर्ण गवाह हैं, जो उनके (बिभव) प्रभाव में हैं। उनसे पूछताछ होने दीजिए। तब मैं विरोध नहीं करूंगा।"
इस पर न्यायमूर्ति भुइयां ने जवाब दिया, "इस तरह से तो हम किसी भी व्यक्ति को जमानत नहीं दे सकते।" उन्होंने आगे कहा कि यह आशंका "बेबुनियाद" है। बता दें कि, विभव कुमार पर मुख्यमंत्री आवास के अंदर स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट और बदसलूकी करने का आरोप है। मालीवाल का ये भी दावा है कि ये मारपीट केजरीवाल के इशारे पर की गई और हमले के वक्त केजरीवाल घर में ही मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी बिभव को नहीं रोका। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्वाति को मामूली चोट है और बिभव जमानत के हक़दार हैं। लेकिन क्या मुख्यमंत्री आवास में एक महिला राज्यसभा सांसद के साथ मारपीट करना भी मामूली बात है ?
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