जयपुर: गंदी-बदबूदार नालियों के कीचड़ में जयपुर के कुछ लोग रोजी-रोटी और किस्मत की तलाश करते हैं। यहां बता दें कि इस बात को सुनने में अजीब जरूर लग रहा है लेकिन ये सच है। जानकारी के मुताबिक बता दें कि ज्वैलर्स की दुकानों और फैक्ट्री के आस-पास जो नालियां है, उन नालियों के कीचड़ में कुछ लोग सोने-चांदी के बारीक कणों को तलाशते हैं और फिर इन कणों को इकट्ठा कर वे वापस ज्वेलर्स को बेच देते हैं, जिससे उन्हें कुछ रुपयों की कमाई हो जाती है। लोग इन्हें गोल्ड डिगर के नाम से जानते हैं।
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वहीं बता दें कि पिछले कई सालों से यहां के लोग रोजाना सुबह पुराने शहर स्थित बाराह गंगौर पहुंच जाते हैं और सोने की तलाश में ये लोग अलग-अलग नाली की खुदाई शुरू कर देते हैं और कीचड़ इकट्ठा कर उसे छानना शुरू कर देते हैं। यहां बता दें कि इन लोगों द्वारा इस तरह से सोने चांदी के कण एकत्रित करने से इन्हें काफी मात्रा में पैसे मिल जाते हैं। जिससे इनकी आजीविका चलती है और साथ ही इस तरह से इनके पास धन एकत्रित हो जाता है।
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वहीं यहां के स्थानीय निवासी ने बताया कि यहां सोने-चांदी की कई छोटी-छोटी दुकानें और वर्कशॉप हैं, जहां के वर्कर ज्वेलरी बनाने के लिए सोने और चांदी के बड़े-बड़े टुकड़ों को कांटते हैं। इसके साथ ही स्थानीय निवासी सुरेश के अनुसार ज्वेलरी तराशने के बाद कई मजदूर अपने हाथों को पानी से साफ करते हैं। वहीं बता दें कि इस दौरान उनके हाथों में लगे सोने और चांदी के सुक्ष्म कण सीधे नाली में बह जाते हैं और उन कणों को वे कीचड़ और नाली के पानी से इकट्ठा करते हैं और अगले दिन ज्वेलर्स को बेच देते हैं।
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