नई दिल्ली: स्विटजरलैंड ने भारत निर्मित कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को मान्यता दे दी है और ब्रिटेन के भी जल्द ही ऐसा करने की संभावना जताई जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की कोवैक्सीन के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी (EUA) दिए जाने की वजह से अंतरराष्ट्रीय यात्रा में वृद्धि होगी. विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि विभिन्न देशों के साथ एयर बबल समझौतों के तहत उड़ानों के लिए हम मांग के आधार पर क्षमता बढ़ा रहे हैं.
एयरलाइन्स का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय हवाई किराए काफी अधिक रहे हैं. कुछ जगहों के लिए एकतरफा किराया पूर्व-महामारी वापसी के किराए से अधिक है. सिर्फ बढ़ी हुई क्षमता से ही किराया कम हो सकता है. नवंबर के मध्य से विदेशी पर्यटकों को गैर-चार्टर्स की अनुमति होगी. उच्च किराया भारत आने वाले यात्रियों के लिए समस्या उत्पन्न करेगा. अमेरिका आज से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए खुल रहा है. भारत का अमेरिका के साथ एक खुला अनुबंध है (जिसका अर्थ है कि एयर इंडिया और अमेरिकी वाहक दो स्थानों के बीच उड़ानों की तादाद पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएंगे).
बता दें कि WHO द्वारा भारत बायोटेक द्वारा निर्मित Covaxin के अनुमोदन से पहले लगभग 16 देशों ने भारत से वैक्सीन लगवाने वाले यात्रियों को अनुमति देने के उद्देश्य से इस वैक्सीन को मंजूरी दी थी. WHO की मंजूरी के बाद UK और कनाडा समेत कई देश Covaxin का मूल्यांकन कर रहे हैं. आने वाले दिनों में वो इसे हरी झंडी दे सकते हैं.
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