बैंगलोर: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) घोटाले में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में MUDA के छह कर्मचारियों को पूछताछ के लिए समन भेजा है। इन कर्मचारियों से अलग-अलग दिनों में बेंगलुरु स्थित ईडी के जोनल मुख्यालय में पूछताछ की जाएगी।
इस मामले पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि अभी इस बारे में कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी, क्योंकि प्रक्रिया जारी है। वहीं, चन्नपटना सीट से निखिल कुमारस्वामी के एनडीए उम्मीदवार बनने के सवाल पर जी परमेश्वर ने कहा कि उनके लिए चिंता की बात यह नहीं है कि उम्मीदवार कौन है, बल्कि वे चुनाव जीतने पर ध्यान दे रहे हैं।
MUDA घोटाला मुआवजा देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसमें 3.2 एकड़ जमीन की बात की जा रही है। यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को 2010 में उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने उपहार में दी थी। बाद में MUDA द्वारा इस जमीन के अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की, जिसके तहत उन्हें 14 प्लॉट दिए गए। आरोप है कि इन प्लॉट्स की कीमत मूल जमीन की तुलना में काफी अधिक थी।
विपक्षी दलों का आरोप है कि यह घोटाला 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस मामले में मुख्यमंत्री की पत्नी और अन्य राजनेताओं की कथित संलिप्तता का आरोप लगाया है। इसके बाद राज्य सरकार ने जांच के लिए चार सदस्यीय अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है।
हाल ही में सिद्धारमैया ने MUDA से मिले 62 करोड़ रुपये के मुआवजे वाले प्लॉट्स को वापस करने की पेशकश भी की थी। इसके साथ ही, सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज पीएन देसाई की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया है ताकि मामले की विस्तृत जांच की जा सके।
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