डिप्रेशन या अवसाद आज के समय में एक प्रचलित मानसिक रोग की श्रेणी में आता है. यह हर किसी को हो रहा है और हर कोई इससे छुटकारा चाहता है. ऐसे में लोग हंसना छोड़ देते हैं और जीवन से निराश हो जाते हैं. लेकिन ये एक अच्छी लाइफ के लिए सही नहीं है. दरअसल देखा जाए तो बीमारी कोई भी नई नहीं होती बल्कि लक्षण और कारण देर से मालूम होते हैं. डिप्रेशन के लक्षण जानकर अगर आप इसके शिकार पहले हो चुके हैं आप जानते होंगे. तो जान लें इसके लक्षण ताकि मालूम हो सके कि कहीं आप भी तो डिप्रेशन में नहीं जी रहे.
अगर आपको डिप्रेशन है तो उसमें उदासी और हर बात पर घबराहट और चिंता इसके प्रमुख लक्षणों में से एक हैं.
युवाओं के साथ-साथ बच्चों में खुद को बेकार समझने, मजबूर, निराशा और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण अब आम बात नहीं रह गयी है. अगर आपको ऐसे महसूस हो तो तुरंत अपने नजदीकी व्यक्ति को बताएं.
सुनने में शायद सामान्य लगे लेकिन अगर आप पहले कोई काम उत्साह से करते थे लेकिन अब उस काम को करने में मन नहीं लगता या नफरत होती है तो इसे नजरअंदाज न करें, ये डिप्रेशन का एक लक्षण है.
ऊर्जा और उत्साह में कमी, भूख में बदलाव जैसे अगर पहले कम खाते थे लेकिन अब ज्यादा खाने लगे हों या इसके विपरीत, तो ये भी चिंता का विषय है.
एकाग्रता में परेशानी, निर्णय न ले पाना, नींद न आना या समय से ज्यादा सोना और आत्महत्या का ख्याल आना भी डिप्रेशन के लक्षण हैं. ऐसे में अकेले न रहें अगर इन लक्षणों में से एक भी परेशानी आपको महसूस हो तो अपने करीबी से जरूर बात करें. हर समस्या का समाधान संभव है, ये कोई बड़ी बात नहीं है.
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