दमिश्क: सीरिया विगत 10 वर्षों से अधिक समय से गृहयुद्ध का सामना कर रहा है, इस कारण देश में खाने की किल्लत पैदा हो गई है. पूर्वी सीरिया में आठ बच्चों की मां कहवा ने बताया है कि देश में गंभीर गेहूं संकट होने के चलते उन्हें अपने बच्चों का पेट भरने में काफी समस्या का सामना करना पड़ पड़ा है.
बता दें कि एक दौर में सीरिया मध्यपूर्व में गेहूं की घरेलू जरूरतों से अधिक का उत्पादन करता था. ऐसा करने वाला वह क्षेत्र का एकमात्र का मुल्क था. किन्तु अब सीरिया को गेहूं को आयात करने की आवश्यकता पड़ती है. डीर एजोर (Deir Ezzor) और रक्का (Raqqa) में यूफ्रेट्स यूनिवर्सिटी में एग्रीकल्चर फैकल्टी के डीन प्रोफेसर उमर अब्दुल रज्जाक का कहना है कि सीरिया का उत्तरपूर्वी क्षेत्र, सीरिया के गेहूं उत्पादन के 50 से 60 फीसदी के बीच उत्पादन करता था. मगर गृहयुद्ध के दौरान ये क्षेत्र देश के कब्जे से बाहर हो गया. 2020 में देश सिर्फ 10 लाख टन गेहूं उगा पाया, जो इसकी आवश्यकता का मात्र एक तिहाई है.
सीरियाई सरकार ने हर परिवार द्वारा खरीदी जा सकने वाली रोटी की मात्रा को सीमित कर दिया गया. वहीं, बीते एक साल में दो बार कीमतों को दोगुना करने के सरकार के निर्णय के कारण लाखों सीरियाई लोग गरीबी की गिरफ्त में आ गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 1.24 करोड़ सीरियाई नागरिक, जो आबादी का तीन चौथाई हैं, खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. दरअसल, देश को 10 लाख हेक्टेयर जमीन को युद्ध के बाद हारना पड़ा है. सीरियाई सरकार काफी समय से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (Islamic State) से लड़ाई लड़ रही है.
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