बेरूत: हर दिन पूरी दुनिया में बढ़ रहे जुर्म और घटनाओं के मामलों से आज हर कोई परेशान हो चुका है. जंहा देखो हर तरफ केवल एक ही मंज़र है और वो है विनाश का. वहीं सीरिया ने वर्षों से चल रहे गृहयुद्ध में बहुत कुछ खोया है. जंहा कभी गुलजार रहने वाले सीरिया का ज्यादातर हिस्सा आज खंडहर में बदल चुका है. यहां पर बीते दस वर्षों के दौरान करीब चार लाख लोगों की जान गृहयुद्ध की वजह से गई है. इतना ही नहीं, यहां की करीब आधी आबादी बेघर होने को मजबूर हो चुकी है. ब्रिटेन की सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में जो आंकड़े जारी किए हैं, वो काफी चौंकाने वाले हैं.
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक यह कहा गया है कि वर्ष 2011 से अब तक यहां पर छिड़ी जंग में 380,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. यह आंकड़ा जनवरी 2020 तक का है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि ये संगठन अपने सोर्स के माध्यम से गृहयुद्ध की मार झेल रहे सीरिया पर नजर बनाये हुए है. इस संगठन के मुताबिक, जनवरी 2020 तक यहां पर 115,000 नागरिकों की जान गृहयुद्ध के चलते गई है. इनमें 22 हजार बच्चे, 13612 महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जनवरी 2020 से अब तक सीरिया दुनिया में सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. यहां के हालात आपातकाल जैसे हैं. स्वास्थ्य सेवाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.
वहीं इस बात का पता चला है कि इस दौरान शारीरिक विकलांगता के मामले करीब 30 फीसद तक बढ़े हैं. ये पूरी दुनिया में सामने आए मामलों से लगभग दोगुना हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, करीब 45 फीसद लोग इस लड़ाई के चलते हमेशा के लिए शरीरिक विकलांग हुए हैं. जंहा इस बात कि भी जानकारी मिली है कि अमेरिका की एनजीओ CARE के मुताबिक, सीरिया में दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे अधिक लोग बेघर हुए हैं और दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हैं.
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