ताइवान ने बीते बुधवार को एक नया पासपोर्ट जारी कर दिया है. इस पासपोर्ट में से 'रिपब्लिक ऑफ चाइना' शब्दों को हटाया जा चुका है. ऐसे में अब पासपोर्ट पर लिखे 'ताइवान' शब्द के फॉन्ट साइज को बढ़ाया जा चुका है. जी दरअसल अब ऐसा कहा जा रहा है कि ताइपे के इस कदम को उठाने के बाद चीन और ताइवान के बीच रिश्ते और अधिक बिगड़ सकते हैं.
हाल ही में सरकार ने इस बारे में कहा है कि, 'पुराने पासपोर्ट के चलते ताइवान के यात्रियों को चीन का नागरिक समझकर महामारी से संबंधित यात्रा प्रतिबंध लगाए जा रहे थे.' जी दरअसल कई देश ऐसे हैं जहाँ पुराने पासपोर्ट को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई थी, क्योंकि उस पर चीन लिखा हुआ था. इस वजह से यह निर्णय लेना पड़ा. आप जानते ही होंगे चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है. माओत्से तुंग की कम्युनिस्ट ताकतों से युद्ध हारने के बाद साल 1949 में ताइवान की स्थापना चीनी गणराज्य के रूप में हुई थी. उसी के बाद कम्युनिस्ट चीन को 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' नाम दे दिया गया था.
क्या है ताइवान की भौगोलिक स्थिति - ताइपान पूर्वी एशिया में स्थित एक द्वीप है और यह द्वीप अपने आस-पास के द्वीपों को मिलाकर चीनी गणराज्य का अंग है और इसका मुख्यालय ताइवान द्वीप है. ऐसे में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से इसे मुख्य भूमि (चीनी गणराज्य) का अंग माना जाता है, लेकिन इसकी स्वायत्तता को लेकर विवाद है. जी दरअसल ताइवान की राजधानी ताइपे है, जो एक वित्तीय केंद्र है. वहीँ इस द्वीप पर रहने वाले लोग अमाय, स्वातोव और हक्का भाषाएं बोलते हैं और मंदारिन राजकार्यों की भाषा है.
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