ताइपे: एक तरफ लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर आज इस कदर बढ़ चुका है कि कुछ भी कहना मुश्किल होता जा रहा है. हर दिन इस वायरस कि चपेट में आने से कई हजारों लोगों की मौत भी हो गई है. और यहीं नहीं अब भी कई लाख ऐसे है जो इस वायरस से संक्रमित है, वहीं ताइवान के विदेश मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर आरोप (डब्लूएचओ) लगाया है कि वह उसके देश के कोरोना के मामलों और इलाज के तरीकों को अपने सदस्य देशों के साथ साझा नहीं कर रहा है. उल्लेखनीय है चीन के दबाव में डब्लूएचओ ने ताइवान को सदस्य की मान्यता नहीं दी है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है. इस बात ने ताइवान का गुस्सा भड़का दिया है.
ताइवान द्वारा पूछे गए सवालों की उपेक्षा कर रहा WHO: मिली जानकारी के मुताबिक ताइवान का कहना है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के समय ताइवान को डब्लूएचओ से बाहर करा कर ताइवानी लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. हालांकि ताइवान ने इस बीमारी की गंभीरता को पहले ही भांपकर अपने प्रयासों से संक्रमितों व मरने वालों की संख्या को काफी नियंत्रित रखा. इसके लिए ताइवान की प्रशंसा भी हो रही है. ताइवान ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन बीमारी शुरू होने का बारे में उसके द्वारा पूछे गये सवालों की उपेक्षा कर रहा है. यह चीन की उस खतरनाक रणनीति का हिस्सा है जिसके कारण ताइवान को डब्लूएचओ से बाहर किया गया.
WHO ने ताइवान के बारे में जारी किया बयान: जंहा यह भी कहा जा रहा है कि उल्लेखनीय है कि डब्लूएचओ ने रविवार को ताइवान के बारे में एक अप्रत्याशित बयान जारी कर कहा कि वह वहां कोरोना वायरस के विस्तार पर करीब से नजर रखे हुए है. ताइवान के लोग इस संकट से कैसे निपट रहे हैं, इसका सबक ले रहे हैं. साथ ही दावा किया कि हम ताइवान के विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
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