मुंबई. ओबीसी आरक्षण का गलत फायदा उठाने के मामले में हाईकोर्ट बेंच ने कहा है कि ऐसा करके उन्होंने एक जरूरतमंद उम्मीदवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS का कोर्स करने से वंचित कर दिया. बता दे कि एक छात्रा ने ओबीसी आरक्षण के लिए गलत जानकारी दे कर नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट बनवाया जो कि प्रशासनिक जाँच में पकड़ा गया.
इस आरक्षण का फायदा लेने के लिए आय प्रमाण पत्र देना जरूरी होता है. हाईकोर्ट ने कहा कि लड़की के पिता आर्थिक रूप से सक्षम है, लड़की के पिता का पुणे के पास चिंचवड़ में एक अस्पताल है. किन्तु इसके बाद भी इस व्यक्ति ने इस तरह का काम किया.
कोर्ट ने जाँच कमेटी की रिपोर्ट को देखते हुए कहा है कि लड़की के पिता के अस्पताल की कीमत ही 1 करोड़ रुपए है. कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि स्टूडेंट अपनी अपढाई आगे जारी रखे, किन्तु पढाई और नौकरी में ओबीसी आरक्षण का फायदा उसे नहीं मिलेगा. ऐसा करने पर उसकी MBBS की डिग्री रद्द कर दी जाएगी.
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