वाशिंगटन: अमेरिका के एक पूर्व उच्च अधिकारी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि आतंकी संगठन तालिबान अब पाकिस्तान और उसके परमाणु हथियारों को अपने कब्जे में ले सकता है. इसके लिए उन्होंने US की बाइडेन सरकार के अफगानिस्तान निकासी अभियान को जिम्मेदार करार दिया है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) रह चुके जॉन बोल्टन ने ये बात एक रेडियो चैनल से बात करते हुए कही है.
दरअसल, तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और अब यही संगठन इस देश पर शासन कर रहा है. बोल्टन ने बाइडेन सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि निकासी अभियान जिस तरह से कराया गया है, उसके चलते तालिबान को तेजी से देश पर कब्जा करने में सहायता मिली है. जिसके कारण एक बार फिर अफगानिस्तान में इस्लामिक राज लागू हो गया है. ट्रंप के NSA का पद संभाल चुके बोल्टन ने कई दफा अमेरिका की विदेश नीति की आलोचना की है. इसके साथ ही वह अपने बॉस यानी ट्रंप तक की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने विदेश नीति पर बोलते हुए इजरायल का समर्थन किया था और कहा था कि उसे अपनी रक्षा के लिए कार्रवाई करने का अधिकार है.
जॉन बोल्टन ने कहा कि, ‘अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब आतंकियों की पाकिस्तान पर कब्जे की आशंका बढ़ गई है. इसका मतलब ये है कि 150 परमाणु हथियार आतंकियों के कब्जे में होंगे.’ उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाता है, तो इसका सीधा मतलब यह है कि परमाणु हथियार तालिबान के हाथों में होंगे. बोल्टन ने ये आशंका इसलिए भी व्यक्त की है, क्योंकि अफगानिस्तान से विदेशी सेना के निकलते ही तालिबान ने यहां मौजूद अमेरिका निर्मित हथियारों और सैन्य वाहनों को कब्जे में ले लिया है.
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