पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती..! तालिबान ने मिलेट्री बेस पर कर लिया कब्जा, बॉर्डर में घुसे अफगानी

पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती..! तालिबान ने मिलेट्री बेस पर कर लिया कब्जा, बॉर्डर में घुसे अफगानी
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव चरम पर है। इस बीच तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने एक बार फिर पाकिस्तान को दुनियाभर के सामने बेइज्जत कर दिया है। TTP के आतंकवादियों ने खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले के सलारजई इलाके में एक पाकिस्तानी मिलेट्री बेस पर कब्जा कर लिया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें तालिबान के लड़ाके हथियारों के साथ जश्न मनाते और पाकिस्तान की चौकी पर लगे झंडे को उखाड़कर अपना झंडा फहराते दिख रहे हैं। इससे पहले एक हमले में तालिबान ने पाकिस्तान के 45 सैनिकों को मार डाला था और बाकी पाकिस्तानी सैनिक जान बचाकर भाग निकले थे

 

मौजूदा वीडियो में साफ दिख रहा है कि तालिबानी लड़ाके पाकिस्तानी सेना की पोस्ट पर पूरी तरह कब्जा जमा चुके हैं। यह नजारा पाकिस्तान की कमजोर होती सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी ढीली नीति को उजागर करता है। पाकिस्तान, जो अक्सर भारत को गीदड़भभकी देने में माहिर है, इस बार तालिबानी लड़कों के सामने बेबस नज़र आ रहा है। इस घटना के बाद बेइज्जती से बचने के लिए पाकिस्तान की तरफ से सफाई पेश की गई है। पाकिस्तानी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि जिस पोस्ट पर तालिबान ने कब्जा किया, उसे हमले से पहले ही खाली कर दिया गया था। 

उन्होंने कहा कि सैनिकों को बाजौर और अन्य क्षेत्रों से अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। यह प्रक्रिया केवल बाजौर तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तरी और दक्षिणी वजीरिस्तान की कई चौकियों को भी खाली किया जा चुका है। हालांकि, इस सफाई ने पाकिस्तान की छवि को और नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि यह सवाल उठता है कि आखिर सेना चौकियों को छोड़ने के लिए मजबूर क्यों हो रही है। क्या वो तालिबान से निपटने में सक्षम नहीं है ? कहा गया पाकिस्तानियों का वो जज्बा, जो वो भारत के खिलाफ लड़ने के लिए दिखाते रहते हैं ?

 

तालिबान के इस कदम से पाकिस्तान की फजीहत के बीच अब उसने TTP के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में किए गए इन हमलों में 46 लोग मारे गए और 6 घायल हो गए हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। इस कार्रवाई ने तालिबान को और आगबबूला कर दिया है। तालिबान ने पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे दी है, और उसी के जवाब में उसके लड़ाकों ने भी पाकिस्तानी सीमा में घुसकर हमला कर दिया है।  

टीटीपी के लड़ाकों ने न केवल सैन्य अड्डे पर कब्जा किया, बल्कि पाकिस्तान के रक्षा तंत्र को भी पूरी तरह से बेनकाब कर दिया। यह घटना पाकिस्तान की उन दावों पर सवाल खड़ा करती है, जिसमें वह अपनी सेना को मजबूत और आतंकवाद के खिलाफ अडिग बताता है। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की इतनी बुरी तरह से किरकिरी हो रही है। एक तरफ वह खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है, दूसरी तरफ उसी आतंकवाद के खिलाफ अपनी कमजोरी बार-बार जाहिर करता है। तालिबानी लड़कों के इस कारनामे ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर मजाक का पात्र बना दिया है।  

तालिबान के इस कदम ने यह भी दिखाया है कि पाकिस्तान के लिए अंदरूनी समस्याएं और बाहरी दबाव दोनों ही उसके अस्तित्व के लिए चुनौती बन गए हैं। गीदड़भभकी देने वाला यह मुल्क अब अपने ही बनाए हुए आतंकवाद के जाल में फंसा हुआ है।

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