काबुल: तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर आज यानी शनिवार को काबुल पहुंच चुका है। जी दरअसल यहाँ वह समूह के सदस्यों और अन्य राजनेताओं संग नई अफगान सरकार बनाने को लेकर बातचीत करेगा। इस मामले में यह भी जानकारी मिली है कि तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, ‘वह समावेशी सरकारी ढांचे को लेकर जिहादी नेताओं और राजनेताओं से मिलने के लिए आज काबुल में होगा।’
जी दरअसल बरादर को साल 2010 में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था हालाँकि वह ज्यादा समय तक हिरासत में नहीं रहा। बताया जाता है साल 2018 में अमेरिका के दबाव के बाद उसे पाकिस्तान ने जेल से रिहा कर दिया और उसके बाद उसे कतर स्थानांतरित कर दिया गया। कहते हैं कि तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमी खलीलजाद ने पाकिस्तान से बरादर को छोड़ने के लिए कहा था ताकि वो कतर में बातचीत का नेतृत्व कर सके। जी दरअसल बरादर को दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया जा चुका है और यहाँ उसने अमेरिकियों के साथ विदेशी सेना के वापसी वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए। साल 2020 फरवरी के महीने में हुए इस समझौते को ट्रंप ने शांति की दिशा में बड़ा कदम बताया था।
अब बीते मंगलवार के दिन बरादर कतर से अफगानिस्तान पहुंचा और यहां वो सबसे पहले देश के दूसरे बड़े शहर कंधार में आया। जो कभी तालिबान का गढ़ रहा था। आप सभी को हम यह भी बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा होने के कुछ दिन बाद ही पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमे कहा गया कि इस बार उसका शासन पहले से अलग होगा। जी दरअसल उस दौरान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों को सम्मान दिया जाएगा और विरोध करने वालों को माफी मिलेगी।
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