काबुल: अफगानिस्तान में तालिबानी शासन का आरम्भ होने के पश्चात् से ही आम लोग परेशान है। मुल्क के भिन्न-भिन्न भागों में सड़कों पर लोगों ने तालिबान का विरोध करना आरम्भ कर दिया है। इस बीच अफगानिस्तान के पंजशीर क्षेत्रों में तालिबान के विरुद्ध लड़ने के लिए पूर्व जवानों ने मोर्चा संभालना आरम्भ कर दिया है। इन सभी की अगुवाई अहमद मसूद कर रहे हैं, जो कि तालिबानियों को मात दे चुके अहमद शाह मसूद के बेटे हैं।
वही अहमद मसूद ने पोस्ट में एक लेख लिखा है जिसमें उन्होंने तालिबान के विरुद्ध जंग को जोर देने की बात की है। अहमद मसूद का कहना है कि पंजशीर क्षेत्र में उनके साथ हजारों मुजाहिद्दीन के लड़ाके हैं, जो तालिबान के विरुद्ध लड़ने के लिए तैयार हैं। अहमद मसूद का कहना है कि अमेरिका भले ही अफगानिस्तान से चला गया हो, मगर वो हमें हथियार तथा अन्य सहायता कर सकता है जिससे हम तालिबान को मात दे सकें। अन्य विदेशी रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अफगानिस्तानी सेना के कई मौजूदा तथा पूर्व जवान भी पंजशीर में अहमद मसूद के साथ हैं।
दरअसल, ऐसा कहा जा रहा है कि अफगानी सेना के कई जवानों ने तालिबान के समक्ष सरेंडर किया तथा उनके साथ हो गए। ऐसे में जो जवान तालिबान को मात देना चाहते थे, उनमें भारी नाराज़गी है इसी के पश्चात् उन्होंने पंजशीर में मुजाहिद्दीन अहमद मसूद के साथ हाथ मिलाना निर्धारित किया। अहमद मसूद से इतर स्वयं को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह भी तालिबान के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए हैं। वह निरंतर तालिबान के विरुद्ध योजना बना रहे हैं तथा पूर्व जवानों, पुलिस एवं अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर तालिबान को मात देने को प्रयास में हैं।
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