नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर तालिबान से संबंधित फर्जी ट्वीट वायरल होने के बाद, 17 मई को तालिबान ने साफ किया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और वे पाकिस्तान के 'ग़ज़वा-ए-हिंद' या भारत के खिलाफ किसी भी जंग का समर्थन नहीं करते हैं. तालिबान राजनीतिक कार्यालय के दोहा प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक ट्वीट में कहा कि, 'भारत के संबंध में मीडिया में जो बयान प्रसारित किया गया है, वह इस्लामिक अमीरात से संबंधित नहीं है. पड़ोसी राज्यों के बारे में इस्लामी अमीरात की नीति बेहद साफ़ है कि हम उनके घरेलू मुद्दों में दखल नहीं देते.'
बता दें कि सुहैल शाहीन और तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद के फेक ट्वीट में कहा गया था कि - 'इस्लामिक अमीरात और भारत के बीच मित्रता असंभव है' और 'इस्लामिक अमीरात काफिरों से कश्मीर छीन लेगा.' किन्तु तालिबान ने भारत में कश्मीर और मुसलमानों पर पाकिस्तानी प्रपोगेंडा का हिस्सा होने से साफ मना कर दिया है. बल्कि ये संगठन अफगानिस्तान में शांति और पुनर्निर्माण के लिए भारत की सकारात्मक भूमिका भी देखता है.
इस महीने की शुरुआत में दोहा से मीडिया से बातचीत करते हुए सुहैल शाहीन ने कहा था कि, 'हमारे राष्ट्रीय हित और आपसी सम्मान के आधार पर, हम भारत समेत अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ सकारात्मक संबंध रखना चाहेंगे और भविष्य के अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में उनके योगदान और सहयोग का तहेदिल से स्वागत करेंगे.'
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