25 जनवरी (भाषा) भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों को हटाने पर नौवें दौर की वार्ता के दौरान तकरीबन 16 घंटे तक विस्तृत चर्चा की गई है। उन्होंने बोला कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे शुरू हुई और यह सोमवार तड़के तकरीबन ढाई बजे खत्म हुई।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की और से मोल्दो में यह बैठक का आयोजन किया गया, बैठक के नतीजों के बारे में पता नहीं चल पाया है। बातचीत के बारे में दी गई सूचना के अनुसार, भारत ने जोर दिया कि क्षेत्र में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन पर है। पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में तकरीबन 50,000 भारतीय जवान तैनात हैं। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है।
रविवार को हुई बातचीत से तकरीबन दो सप्ताह पूर्व भारत ने एक चीनी सैनिक को चीन को सौंपा जा चुका था। इस चीनी सैनिक को पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग सो के दक्षिण तट वाले क्षेत्र में पकड़ा गया था। पता चला है कि भारत के इस कदम से सकारात्मक माहौल बन चुका है। जंहा इस बात का पता चला है कि वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल PGK मेनन ने किया। सैन्य वार्ता में भारत पूर्वी लद्दाख के सभी इलाके में अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग कर रहे है। दोनों सेनाओं के मध्य यह टकराव 5 मई को शुरु हुआ था।
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