चेन्नई: कोरोना वायरस के महासंकट के बीच तमिलनाडु में सरकार और विपक्ष के बीच मदद करने को विवाद छिड़ गया है. द्रमुक नेता एमके स्टालिन ने आरोप लगाया है कि सरकार सियासी दलों और एनजीओ को लोगों की सहायता करने से रोक रही है. इसको लेकर उनकी पार्टी मद्रास उच्च न्यायालय भी जाने की तैयारी कर रही है. किन्तु अब तमिलनाडु सरकार की तरफ से सफाई दी गई है जिसमें कहा गया है कि राजनीतिक दलों और एनजीओ का एक बड़ा रोल है.
दरअसल, सोमवार को द्रमुक की तरफ से कहा गया कि वह तमिलनाडु सरकार के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय का रुख कर रही है. पार्टी का आरोप था कि तमिलनाडु सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें सियासी दलों और एनजीओ को सीधे लोगों को मदद पहुंचाने से मना किया गया है. डीएमके की तरफ से कहा गया कि सीएम ई. पलानीस्वामी ने अधिकारियों को ऐसा करने से रोकने के आदेश दिए हैं. केवल द्रमुक ही नहीं बल्कि कमल हासन की तरफ से भी मुख्यमंत्री पर इस मसले को लेकर हमला बोला गया.
हालांकि, पूरे विवाद के बाद तमिलनाडु सरकार की तरफ से सफाई पेश की गई. जिसमें कहा गया है कि सियासी दलों और एनजीओ का समाज में बड़ा रोल है और संकट की घड़ी में हर कोई साथ में ही काम कर रहा है. हालांकि, अभी के जो हालात हैं वह चिंताजनक हैं जो संक्रमण फैला सकते हैं.
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