चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घोषणा की है कि उनकी सरकार प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (पीएम विश्वकर्मा) को राज्य में लागू नहीं करेगी। उन्होंने इसके बजाय एक नई और अधिक समावेशी योजना शुरू करने का फैसला किया है। स्टालिन का कहना है कि केंद्र सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना में तमिलनाडु सरकार द्वारा दिए गए सुझावों को नजरअंदाज कर दिया है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना सितंबर 2023 में पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस योजना की आलोचना की है, इसे जाति आधारित भेदभाव को बढ़ावा देने वाला बताया। स्टालिन ने भी इस योजना में सुधार के लिए कई सुझाव दिए थे, लेकिन उनके अनुसार इन्हें अनदेखा किया गया। स्टालिन ने केंद्रीय एमएसएमई मंत्री को पत्र लिखकर साफ कर दिया कि उनकी सरकार केंद्र की योजना को मौजूदा स्वरूप में स्वीकार नहीं करेगी। तमिलनाडु सरकार अब खुद की एक योजना शुरू करेगी, जो सभी कारीगरों को जाति या पारिवारिक पृष्ठभूमि से ऊपर उठकर समान अवसर देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी योजना तमिलनाडु में सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित होगी। इस योजना में कारीगरों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी। यह योजना जाति आधारित भेदभाव से मुक्त होगी और राज्य के सभी कारीगरों के समग्र विकास पर जोर देगी।
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