चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने बीते बुधवार को मद्रास हाईकोर्ट को सूचित कर दिया है. उनकी सुचना में उन्होंने कहा है कि कोर्ट के सुझाव के अनुसार सरकार पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निवास पोएस गार्डन को मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास के रूप में बदलने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा विचार केवल मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास के रूप में बदलने के लिए किया जा रहा है ना कि स्मारक के रूप में. जी दरअसल पोएस गार्डन कस्तूरी एस्टेट हाउस ऑनर्स एसोसिएशन ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के आवास को स्मारक में बदलने की याचिका का विरोध किया था.
इस बारे में महाधिवक्ता विजय नारायण ने सरकार की तरफ से कोर्ट को इस बारे में जानकारी दी थी. वहीं याचिका में एसोसिएशन ने यह भी कहा था कि अगर स्मारक में परिवर्तित किया जाएगा तो हर दिन यहां हजारों लोगों की आवाजाही होने लगेगी. इसी के साथ उन्होंने कहा इससे उनके शांतिपूर्ण जीवन में बाधा आ सकती है. इसके अलावा एसोसिएशन की तरफ से बात करते हुए अधिवक्ता मैथिली ने कहा, लोगों की मानसिकता भी इसे स्मारक में बदलने के पक्ष में नहीं है. आपको बता दें कि न्यायाधीश एन. आनन्द वेंकटेश ने याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका को खारिज कर उन्होंने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि, 'निवास को स्मारक में बदलना कोई नई बात नहीं है.'
इसके अलावा उन्होंने यह भी बोला, 'पहले भी ऐसा कई बार हुआ है जिन नेताओं ने लोगों का प्यार व सम्मान अर्जित किया है. जहां तक स्मारक बनने पर लोगों के बड़ी संख्या में आवागमन करने की बात है तो एसोसिएशन इस बात से पहले से ही जानती थी कि वह बड़ी नेता है और उसके चाहने वाले भी बहुत हैं.'
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