चेन्नई: तमिलनाडु के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई न होने को लेकर चुप्पी तोड़ते हुए बताया है कि उन्होंने अब तक इस पर फैसला क्यों नहीं लिया है. दरअसल, राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी पाए गए 7 लोगों की रिहाई पर फैसला होना है. पुरोहित ने कहा कि दोषियों की रिहाई के लिए वे मॉनिटरिंग एजेंसी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
दोषियों की रिहाई के लिए CBI की एक मल्टी डिसिप्लीनरी मॉनटरिंग एजेंसी बनाई गई है. तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया है कि राजीव गांधी हत्याकांड में आगे क्या कार्रवाई की जानी है, इसके लिए गवर्नर मॉनिटरिंग एजेंसी की फाइनल रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं. कुछ दिन पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा था कि गवर्नर को तमिलनाडु सरकार की सिफारिश या तो स्वीकार करनी चाहिए या अस्वीकार. इसे एक तय अवधि में पूरा किया जाना चाहिए क्योंकि इसे अनिश्चतकाल तक नहीं रोका जा सकता.
अदालत का यह निर्देश तब आया जब राजीव गांधी हत्याकांड के एक दोषी पेरारिवलन ने कोर्ट में याचिका दाखिल की. पेरारिवेलन ने अपनी सेहत का हवाला देते हुए 90 दिन की पैरोल मांगी है. अदालत के अनुसार, गवर्नर इस मामले को अधिक दिन नहीं रोक सकते और राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह गवर्नर से इस पर पहली प्रतिक्रिया ले. आपको बता दें कि, तमिलनाडु मंत्रिमंडल सितंबर 2018 में राजीव गांधी हत्याकांड के 7 दोषियों की रिहाई की वकालत कर चुकी है, लेकिन राज्यपाल पुरोहित ने इस सिफारिश को न तो स्वीकार किया है और न ही अस्वीकार.
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