तमिलनाडु में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्ण का बोलना है कि राज्य में 51 केस में 18-45 वर्ष के उम्र के लोगों में पाए जा रहे हैं और अधिकतर केस उन लोगों में सामने आ रहे हैं जो अपार्टमेंट में रहते हैं। जंहा इस बारें में उन्होंने बोला कि जिसके अतिरिक्त 42 प्रतिशत केस 45 वर्ष की उम्र से ऊपर के लोगों में पाए जा रहे हैं। उन्होंने बोला कि सबसे बड़ी समस्या ये हैं कि 18-45 साल के लोग घर वापस जाते हैं औऱ फिर अपने परिवार में 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को भी संक्रमित करते हैं।
5 मार्च से इन 5 जिलों में सबसे ज्यादा मामले: जे राधाकृष्ण ने कहा कि 5 मार्च से चेन्नर्, चेंगलपेट, कोयंबटूर, तंजावुर और थिरुवरुर में भी सबसे अधिक केस सामने आए है। टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ा दी गई है। पहले जो टेस्टिंग 85 प्रतिशत होती थी वो अब 95 प्रतिशत हो रही है। जे राधाकृष्णन ने बोला कि अब तक किए गए प्रयासों ने वायरस के प्रसार को एक फीसद से कम कर दिया है और ये कोशिश किसी भी लापरवाही की वजह से बर्बाद नहीं होने चाहिए।
उन्होंने बोला कि ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ योजना के तहत, अधिकारियों को नमूनों का परीक्षण करने के लिए कहा गया है, उन लोगों को ट्रैककर लिया गया है जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और जल्द से जल्द ठीक करने के लिए तुरंत इलाज शुरू करने के लिए कहा है। वहीं तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री डॉ। विजयभास्कर ने कहा है कि राज्य में फिलहाल लॉकडाउन की कोई योजना नहीं है। विरालिमलाई निर्वाचन क्षेत्र से AIADMK के उम्मीदवार विजयबस्कर ने द हिंदू के केथलीन एंटनी के साथ इंटरव्यू में कहा कि सरकार को जनता से सार्वजनिक सहयोग की उम्मीद है। पिछले साल की तरह राज्य में फिर से लॉकडाउन की फिलहाल तो कोई योजना नहीं है। हालांकि पिछले 12 दिनों में तमिलनाडु में कोरोना के मामले काफी बढ़े हैं और बढ़ भी रहे हैं। वर्तमान में राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि की दर 135 प्रतिशत है, जो कि चिंताजनक है।
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दूसरे वर्ष भी आंध्र प्रदेश सरकार ने रूप में लाई बजट के अध्यादेश