सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) (MoRTH) ने गुरुवार को लोकसभा को जानकारी दी है कि देश भर में 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2023 के दौरान 18.24 करोड़ से ज्यादा ई-चालान जारी कर दिए गए। इसके कारण से 12,632 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि चालान जारी करने के केस में तमिलनाडु टॉप पर बने हुए है। जबकि उत्तर प्रदेश ने सबसे अधिक राजस्व संग्रह किया है।
सबसे अधिक 5.57 करोड़ चालान वाले दक्षिणी राज्य ने 755.58 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह कर लिया। जबकि यूपी का योगदान 2,495 करोड़ रुपये रहा, जिसने इस अवधि के दौरान 4.4 करोड़ ई-चालान भी निकाल दिए है। राजस्व के मामले में तमिलनाडु छठे नंबर पर बना रहा। तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश कुल जारी किए गए ई-चालानों में से लगभग आधी भागेदारी भी थी।
तमिलनाडु में प्रतिदिन जारी किए गए ई-चालानों की औसत संख्या लगभग 30,540 थी, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 24,098 से ज्यादा थी। उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन औसत संग्रह 1.36 करोड़ रुपये रहा, जबकि तमिलनाडु में यह 80.23 लाख रुपये रहा।
कैलेंडर वर्ष 2019 और 2023 के बीच भारत भर में जारी किए गए औसत दैनिक ई-चालान 99,893 थे। जबकि उत्पन्न राजस्व 6.91 करोड़ रुपये बताई जा रही है। मंत्रालय ने इस बारें में बोला है कि इन आंकड़ों में तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार को शामिल नहीं किया गया। जहां इस अवधि में ई-चालान लागू नहीं किए गए।
भारत में 38.51 करोड़ पंजीकृत मोटर वाहन हैं: केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सदन को कहा है कि 30 नवंबर तक भारत में पंजीकृत मोटर वाहनों की कुल आंकड़ा लगभग 38.51 करोड़ है।
उन्होंने यह भी कहा जा रहा है कि 30 नवंबर तक इंडिया में 2.18 करोड़ परिवहन वाहनों में से 10.70 लाख वाहनों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस (एसएलडी) लगे पड़े है।
गडकरी ने इस बारें में बोला है कि, "ड्राइविंग लाइसेंस के नेशनल रजिस्टर यानी सारथी 4.0 के अनुसार, वैध ड्राइविंग लाइसेंस और वैध लर्नर लाइसेंस की कुल आंकड़ा क्रमशः 18.20 करोड़ और 95.79 लाख है।"
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस में वाहनों की कई श्रेणियां भी जोड़ सकते है। इसके साथ साथ, कोई व्यक्ति या कंपनियां, गैर सरकारी संगठन, सरकार, स्थानीय निकाय जैसी संस्थाएं अपने नाम पर एक से अधिक मोटर वाहन रखने वाली है।
गडकरी ने यह भी जानकारी दी है कि वाहन 4.0 पर बीमा सूचना ब्यूरो (आईआईबी) के मुताबिक, बीमित मोटर वाहनों की कुल संख्या 17.54 करोड़ बतायी जा रही है। जबकि मोटर वाहनों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) की कुल संख्या 5.34 करोड़ की बताई जा रही है।
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए ये भी कहा है कि केंद्र सरकार की भूमिका मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में निहित प्रावधानों के अनुसार केन्द्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अंतर्गत नियमों और विनियमों को अधिसूचित कर दिया गया है।
मंत्रालय ने इस बारें में बोला है कि, "मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के प्रावधानों का कार्यान्वयन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों के अधिकार इलाके में आता है।"