चेन्नई: तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार (11 जनवरी 2022) को मूर्ति चोरी के इंटरनेशनल रैकेट से जुड़कर तस्करी करने वाले जावेद शाह नामक एक कश्मीरी व्यापारी को अरेस्ट किया है। उसके कब्जे से करीब 40 करोड़ रुपये मूल्य की मूर्ति बरामद हुईं है। पुलिस उसके संपर्कों को खंगाल कर इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की खोजबीन में लग गई है। तमिलनाडु पुलिस की CB-CID की मूर्ति विंग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) को इनपुट मिला था की महाबलीपुरम के एक दुकान पर अवैध रूप से कुछ प्रतिमाएं रखी हुई हैं।
इनपुट के आधार पर एक विशेष पुलिस दल (SIT) का गठन किया गया। उसके बाद टीम ने जावेद शाह की दुकान भारतीय हस्तशिल्प एम्पोरियम में दबिश दी। सूचना सही होने के बाद मौके से जावेद शाह को भी अरेस्ट कर लिया गया। छापेमारी में पुलिस ने उसकी दुकान से प्राचीन मूर्तियाँ एवं वस्तुएँ बरामद कीं। इनमें आठ वस्तुओं समेत 11 प्रतिमाएं शामिल हैं। पुरातत्व विभाग ने जाँच के बाद बताया कि ये प्रतिमाएं 11वीं शताब्दी की हैं। पुलिस की जाँच में पता चला है कि पता चला कि जावेद के पास इन प्रतिमाओं को बेचने का लाइसेंस भी नहीं है।
बरामद हुईं मूर्तियों में देवी पार्वती की एक प्रतिमा, भगवान कृष्ण की बाँसुरी बजाती हुई प्रतिमा, दस सिरों वाला रावण की प्रतिमा सहित अन्य प्राचीन वस्तुएँ शामिल हैं। अंतराष्ट्रीय बाजार में इनका मूल्य लगभग 40 करोड़ रुपए आँका गया है। पुलिस का कहना है कि जावेद शाह इस रैकेट का सिरा हो सकता है और उसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े अपराधियों से जुड़े हुए हो सकते हैं। पुलिस ने बताया कि जावेद कश्मीर का निवासी है और महाबलीपुरम में प्रतिमाओं की दुकान चलाता है। पूछताछ के दौरान जावेद ने पुलिस को बताया कि वह विगत 30 वर्षों से तस्करी का काम कर रहा है। उसने बताया कि शहर के होटल में आने वाले टूरिस्ट्स को वह कीमती मूर्तियाँ गुप्त रूप से बेच दिया करता था। गिरफ्तार करने के बाद उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, उसका भाई फरार बताया जा रहा है। पुलिस पता लगा रही है, ये प्रतिमाएं किन मंदिरों से संबंधित हैं।
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