#WATCH DMK MLAs scuffle with TN Assembly speaker, protesting DMK MLA Ku Ka Selvam sat on speaker chair #floortest (Jaya TV) pic.twitter.com/CkMQY9FfQx
— ANI (@ANI_news) February 18, 2017
तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री पलानीस्वामी जैसे ही शक्ति परिक्षण के लिए विधानसभा पहुचे उसके बाद से ही विधानसभा में जमकर हंगामा हो रहा है. प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब विधायकों ने स्पीकर से धक्कामुक्की की. इतना ही नही, दो-दो विधायक स्पीकर की कुर्सी पर भी जा बैठे. जैसे ही नए सीएम ई. पलानीस्वामी ने वोट ऑफ कॉन्फिडेंस मोशन पेश किया, विधायक सीक्रेट बैलट वोटिंग की मांग पर अड़ गए. डीएमके विधायक स्पीकर की कुर्सी पर चढ़ गए. कागज फाड़े.
हंगामा इतना हुआ की विधायको ने कुर्सियां तक फेंक दी. टेबल और माइक तोड़ दिए. इस तोड़फोड़ में एक अधिकारी घायल हो गया. पहले स्पीकर को मार्शल ने बाहर निकाला. जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तो स्पीकर को डीएमके विधायकों को बाहर करने के लिए असेंबली में पुलिस बुलानी पड़ी. पहले स्पीकर ने 1 बजे तक कार्यवाही स्थगित की थी इसके बाद फिर से हंगामे को देखते हे 3 बजे तक विधानसभा कार्यवाही स्थगित की गई है.
बता दें कि गुरुवार को पालानीसामी मुख्यमंत्री पद की सपथ ले चुके है. राज्य में करीब 29 साल बाद ऐसा माैका आया है, जब शक्तिपरीक्षण हो रहा है. इससे पहले भी एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद AIADMK में इसी तरह का विवाद उपजा था. उस समय शक्तिपरीक्षण के दौरान जयललिता हार गई थीं. बाद में चुनाव में वे जीतकर लौटीं. बता दे कि पलानीस्वामी के कॉन्फिडेंस मोशन पर वोटिंग शुरू हो चुकी है. वही पन्नीरसेल्वम ने कहा- सब जानते हैं कि विधायकों को कूवाथुर में बंधक बनाकर रखा गया था. लोगों की आवाज सुननी चाहिए, तभी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना चाहिए. स्पीकर ने डीएमके की फ्लाेर टेस्ट को टालने की मांग खारिज की. कहा- वोट कैसे हो, मेरे इस फैसले में कोई दखल नहीं दे सकता. वही तमिलनाडु विधानसभा की बिल्डिंग के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं. खतरे को देखते हुए स्पीकर पी. धनपाल ने भरोसा दिलाया है कि विधायकों को पूरीसुरक्षा दी जाएगी.
मालूम हो कि राज्य के करीब 7.5 करोड़ लोगों की नजरे विधानसभा पर है. पलानीसामी को राज्यपाल ने शक्ति परीक्षण के लिए 15 दिन का वक्त दिया था. लेकिन विधायकों को लेकर बरकरार अनिश्चितता को देखते हुए उन्होंने 2 दिन बाद ही विधानसभा का खास सत्र बुलाकर इस अग्निपरीक्षा से गुजरने का फैसला किया. पलानीसामी के लिए उन्हीं की पार्टी यानी AIADMK के पन्नीरसेल्वम ही राह का रोडा बन गए हैं. शशिकला के जेल जाने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की लड़ाई अब पन्नीरसेल्वम और पलानीसामी के बीच की हो गई है. गौरतलब है कि विश्वास मत से एक दिन पहले पलानीसामी गुट के सामने समस्या तब आई जब शुक्रवार को विधायक और राज्य के पूर्व डीजीपी, आर नटराज ने कहा कि वे सीएम के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेंगे.
नटराज के इस कदम से 234 सदस्यों वाली विधानसभा में पलानीस्वामी के कथित समर्थक विधायकों की संख्या कम हो कर 123 गई है. तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीटें हैं और विधानसभा में एआईएडीएमके के 134 विधायक हैं. अब बहुमत के लिए 118 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत है. हालाँकि नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए हालांकि 15 दिनों का समय दिया गया था लेकिन पार्टी की महासचिव वी के शशिकला के वफादार पलानीस्वामी ने दो दिन में ही बहुमत साबित करने का फैसला किया है.
आर नटराज के खिलाफ जाने के बाद भी पलानीसामी गुट का दावा है कि उनके पास बहुमत से 5 ज्यादा 123 विधायकों का समर्थन है.शशिकला का समर्थन कर रहे कई विधायक अब भी चेन्नई से करीब 80 किलोमीटर दूर कूवाथूर के रिसॉर्ट में रह रहे हैं. पलानीसामी की असली मुश्किल अपने विधायकों को एकजुट रखने की है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम गुट की कोशिश है कि पलानीसामी किसी भी तरह से विधानसभा में बहुमत साबित ना कर पाएं.
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