ग्वालियर। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव विश्व संगीत समागम "तानसेन समारोह'' का संगीतधानी ग्वालियर में भव्य शुभारंभ हुआ। यहाँ हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि के समीप चैन्नकेशव मंदिर बेलूर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर सोमवार की सांध्यबेला में आयोजित हुए भव्य एवं गरिमामय समारोह में देश के सुप्रतिष्ठित बाँसुरी वादक पं. नित्यानंद हल्दीपुर मुम्बई को वर्ष 2021 के राष्ट्रीय तानसेन सम्मान'' से विभूषित किया गया। साथ ही मुम्बई की संस्था सामवेद सोसायटी फॉर परफार्मिंग आर्ट को वर्ष 2021 के “राजा मानसिंह तोमर सम्मान से अलंकृत किया गया। यह सम्मान कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही संस्था को दिया जाता है। इस अवसर पर संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कला व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिये पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
समारोह में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, संभाग आयुक्त दीपक सिंह, पं. किरण देश पांडेय, अभय चौधरी, संचालक संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी सहित अन्य अतिथियों ने पं. नित्यानंद हल्दीपुर को राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण के रूप में आयकर मुक्त दो लाख रूपए की सम्मान राशि, प्रशस्ति पट्टिका व शॉल-श्रीफल भेंट किए। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संगीत सम्राट तानसेन के नाम से स्थापित यह सम्मान भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय संगीत सम्मान है। राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान के रूप में सामवेद सोसायटी फॉर परफार्मिंग आर्ट संस्था को एक लाख रूपए की आयकर मुक्त राशि और प्रशस्ति पट्टिका भेंट कर सम्मानित किया गया। संस्था की ओर से श्रीमती उमा डोंगरा ने यह सम्मान ग्रहण किया। राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण से विभूषित पंडित नित्यानंद हल्दीपुर ने तानसेन सम्मान प्रदान करने के लिये राज्य सरकार के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।
संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश सरकार संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तानसेन अलंकरण सहित अन्य कला सम्मानों की राशि बढाने की घोषणा की है। उसकी प्रक्रिया पूरी हो गई है। अगले साल से बढ़ी हुई राशि के साथ अलंकरण प्रदान किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि तानसेन समारोह का शताब्दी आयोजन पूरी भव्यता व विराटतम रूप में आयोजित किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि हमारा देश कालजयी संस्कृति का संवाहक है। सनातन परंपराएँ हमारी पहचान हैं। इसी का पालन करते हुए प्रदेश में कला व संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने आह्वान कि संस्कृति विभाग ने सामूहिक प्रार्थना की पहल की है, जिसमें सभी सहभागी बनें। उषा ठाकुर ने कहा कि हजारों लोगों की कुर्बानी से देश को आजादी मिली है, इसलिए उन्हें कभी न भूलें। अपने घर की बैठक में क्रांतिकारियों के चित्रों को भी सम्मानपूर्वक स्थान दें। संस्कृति मंत्री ने इस अवसर पर जानकारी दी कि सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई है।
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