मुम्बई : जब से साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया है, टाटा समूह में घमासान बढ़ गया है. इस बीच टाटा के नौ पेजी पत्र के जवाब में साइरस मिस्त्री ने भी टाटा संस पर पलटवार किया है. इससे यह मामला और पेचीदा हो गया है. अपने जवाब में साइरस ने स्वतंत्र निदेशकों की निष्ठा पर सवाल उठाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अपने ऊपर लगे उन आरोपो को निराधार बताया कि उनके कार्यकाल में ग्रुप कंपनियों के बीच तालमेल नहीं था.
बता दें कि मिस्त्री ने रविवार को ग्रुप को एक चिट्ठी लिखकर उन तमाम बातों के जवाब दिए जिनको उन्हें हटाए जाने की वजह बताया जा रहा है. इसमें स्वतंत्र निदेशकों दीपक पारेख, नुस्ली वाडिया और नादिर गोदरेज की आलोचना को दुखद बताया.
उल्लेखनीय है कि टाटा मोटर्स की महत्वपूर्ण बोर्ड की बैठक से पहले समूह ने भी स्पष्ट किया था कि स्वतन्त्र निदेशकों समेत बोर्डों के लिए यह कतई जरूरी है कि उनके विचार और मत टाटा कंपनियों के भविष्य के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. इसमें सभी हितधारकों के हितों का ध्यान रखना चाहिए. बता दें कि समूह की दो बड़ी कंपनियों-इंडियन होटल्स कंपनी (आइएचसीएल) और टाटा केमिकल्स के स्वतंत्र निदेशकों ने मिस्त्री का समर्थन किया था.