हनोई : भारत और वियतनाम के बीच 12 महत्वपूर्ण करारों पर सहमति बन गई है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वियतनाम के दौर पर पहुंचे हैं। भारत ने वियतनाम के साथ कई मसलों पर हस्ताक्षर किए। इन विषयों में रक्षा, इनफार्मेशन टेक्नोलाॅजी सहित विभिन्न क्षेत्रों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने हेतु विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। दरअसल रक्षा क्षेत्र में मित्रता बढ़ाने हेतु भारत ने वियतनाम को 50 करोड़ डाॅलर के उधार की घोषणा भी की।
इससे पहले राजधानी हनोई में प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत किया गया। हनोई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियतनामी समकक्ष से भेंट भी की। वियतनाम के बाद प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी चीन के हांग्जो रवाना हो गए। जहां से वे 4 सितंबर और 5 सितंबर को जी - 20 समिट में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों के स्मारक का दौरा किया। पीएम मोदी ने हनोई में 20 वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ नेताओं में से एक चि मिन्ह की समाधि का अवलोकन किया।
उन्होंने चि मिन्ह को याद किया और उनकी समाधी पर पुष्प भेंट किए। वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य विभिन्न मसलों पर चर्चा भी हुई। साल 2013 में भारत और वियतनाम ने एक दूसरे के साथ साझेदारी की जिसमें करीब 5.23 बिलियन डाॅलर का कारोबार हुआ था।
वर्ष 2014 में आंकड़ा बढ़ गया जिसमें 5.60 बिलियन डाॅलर का कारोबार हुआ। भारत का निर्यात 3.1 बिलियन डाॅलर था और आयात 2.5 बिलियन डाॅलर रहा। दोनों ही देशों के मध्य 2020 तक 15 बिलियन डाॅलर व्यापार का लक्ष्य रखा गया।
दरअसल भारत वियतनाम में 111 प्रोजेक्ट में निवेश किया गया है। जिसमें लगभग 530 मिलियन डाॅलर की पूंजी शामिल है। दरअसल भारतीय कंपनियां तेल, गैस, खनिज उत्खनन, चीनी फैक्ट्री, आईटी व अन्य उद्योगों में निवेश को लेकर अनुबंध हुआ। भारत का टाटा समूह वियतनाम में साॅकट्रांग प्रांत में 2.1 बिलियन डाॅल का थर्मल पाॅवर प्लांट प्रोजेक्ट स्थापित करेगा।