टाटा मोटर्स भविष्य का सफर तय कर रहा है, लेकिन कंपनी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि नैनो का भविष्य में क्या और कैसा होगा। और यह भी बताना मुश्किल है कि यह कंपनी भविष्य की योजनाओं में शामिल है या नहीं। कंपनी का कहना है वक्त आने पर बात का फैसला लिया जाएगा। नैनो का मुद्दा टॉप लेवल पर बैठे लोगों की भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है। फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को एक लेवल पर लाकर समान्य रखने के लिए कंपनी ने नई पैसेंजर वहीकल (PV) स्ट्रेटजी को अपनाई है। कंपनी 2019 तक टॉप तीन पीवी मेकर्स में शामिल होना चाहती है मगर कंपनी का टॉप मैनेजमेंट इस बात को साफ नही कर पा रही है कि टाटा के ड्रीम पोजेक्ट का भविष्य क्या होगा।
कंपनी के योजना के मुताबिक, 2018 में जब कंपनी एडवांस मॉड्यूलर प्लेटफार्म पर जाएगी तो पीवी प्लेटफॉर्म को छह से घटाकर 2 कर दिया जाएगा। नैनो के बारे में पूछे सवाल के जवाब में टाटा मोटर्स के एमडी और सीईओ गुऐंटर बशेक ने कहा कि मैं इस बारे में आपको कुछ नहीं बता सकता क्योंकि अभी इस पर फैसला होना है। यह फैसला समय आने पर बोर्ड की सहमति से लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सामने पीवी स्ट्रैटजी रखी गई थी। बोर्ड को इस दिशा में होने वाले सभी अपडेट की सारी जानकारी दी जाती है।
नैनो का मुद्दा कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट के पास अब भी फसा हुआ है। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने कहा था कि नैनो के इस प्रोजेक्ट के वजह से 1000 करोड़ से ज्यादा का हमे नुकसान हुआ है। टाटा और मिस्त्री के बीच तकरार के मुद्दों में नैनो भी शामिल थी। मिस्त्री का यह भी आरोप था कि टाटा मोटर्स भावनात्मक कारणों से इसका मॉडल बंद नहीं कर रही। कंपनी इस बारे में फैसला लेना जरूरी है, जो जगह इस वक्त नैनो के पास है। इस सेगमेंट में बहुत कंपटीशन है। अगले कुछ वर्षों में सेफ्टी और इमीशन को लेकर इस सेगमेंट में बदलाव किये जायेगें ।
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