साल के प्रथम त्यौहार मकर संक्रांति पर ऋषि जमदग्नि की तपोस्थली तत्तापानी में सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी पवित्र डुबकी लगाकर पहली बार जिला स्तरीय मेले का विधिवत शुभारंभ किया। इसके बाद भंडारे में वे पारंपरिक खिचड़ी का भी स्वाद चखा।
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हर वर्ष होता है आयोजन
जानकारी के लिए बता दें तत्तापानी अपने आप में एक आस्था का केंद्र है। यहां लोहड़ी व मंकर संक्रांति का त्योहार खासी धूमधाम से मनाया जाता है। हर वर्ष यहां एक माह तक लोहड़ी मेले का आयोजन किया जाता है। पहले इस मेले की जिम्मेदारी जहां स्थानीय पंचायत पर होती थी।
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तुलादान करते हैं श्रद्धालु
बताया जाता है की तत्तापानी में बांध बनने से पहले प्राकृतिक गर्म पानी के चश्मे हुआ करते थे, जहां श्रद्धालु स्नान व दान का महत्व मानते थे। प्राकृतिक चश्मे डूब गए हैं, लेकिन आस्था में कोई कमी नहीं हुई है। सरकार व प्रशासन के प्रयासों से जो कृत्रिम चश्मे बनाए गए हैं, अब वहां पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। मान्यता है कि यहां स्नान करने से ग्रहों की शांति मिलती है। यहां स्नान करने से चर्म रोगों से भी मुक्ति मिलती है। इसके अलावा यहां तोला दान का बड़ा महत्व है। ग्रहों की शांति के लिए यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आकर तुलादान करते हैं।
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