नई दिल्ली : कर्मचारियों को खुश होने का एक और मिलने वाला है. कर मुक्त ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख रुपए किये जाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट बुधवार को विचार कर सकती है. इसके लिए पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट में बदलाव करना पड़ेगा. इस बिल में एक और संशोधन किया जाना है. इससे केंद्र सरकार को सिर्फ अधिसूचना के माध्यम से इस सीमा में बदलाव का अधिकार मिल जाएगा और हर बार की तरह संसद की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी.
इस बारे में श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह संशोधन होने के बाद सामान्य क्षेत्र के कर्मचारी को 20 लाख रुपए तक की ग्रेज्युटी पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा.बता दें कि पिछले महीने श्रम मंत्रालय के साथ हुई बैठक में कर्मचारी यूनियन ने इस प्रस्ताव पर सहमति दी थी. हालांकि कर्मचारी यूनियंस ने कम से कम 10 कर्मचारी और पांच साल की नौकरी की शर्त खत्म करने की मांग की थी. अभी ग्रेच्युटी के लिए कम से कम पांच साल की नौकरी जरूरी है. इसके अलावा ग्रेच्युटी का नियम उन्हीं कंपनियों या फर्म या संगठन पर लागू होता है जिनमें कम से कम 10 कर्मचारी हैं.इसके अलावा हर साल के काम के लिए 15 दिन के बजाय 30 दिन का वेतन देने की थी. लेकिन संशोधन प्रस्ताव में सिर्फ 10 लाख की सीमा को 20 लाख करने का उल्लेख है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए कर मुक्त ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने का फैसला 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया है. इसकी अधिसूचना 25 जुलाई 2016 को जारी हुई थी. यूनियंस निजी क्षेत्र में भी इसे जनवरी 2016 से लागू करना चाहते हैं.
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