शिमला: देश के राज्य हिमाचल में सरकारी कर्मियों के पश्चात् अब प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वाले करदाता तथा उद्यमियों भी सस्ते राशन से बाहर हो जाएंगे. इसको लेकर फ़ूड सिविल एंड कंस्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट ने आयकर विभाग से करदाताओं का रिकॉर्ड मांगा गया है. गवर्मेंट आकलन कर रही है कि राज्य में इनकी संख्या तीन लाख से अधिक हो सकती है. इनकी सब्सिडी समाप्त किए जाने से अन्य एपीएल कंस्यूमर्स को अधिक राशन प्राप्त हो सकेगा.
फ़ूड सिविल एंड कंस्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राज्य में साढ़े 18 लाख राशनकार्ड कंस्यूमर थे. इनमें से डेढ़ लाख सरकारी कर्मचारियों को इस माह से सस्ता राशन देना बंद कर दिया गया है. अब अन्य कर देने वालों को इस सुविधा से बाहर किया जा रहा है. फ़ूड सप्लाई मिनिस्टर राजेंद्र गर्ग ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर में करदाताओं को भी सस्ते राशन से बाहर किया जा रहा है.
साथ ही इनका रिकॉर्ड एकत्र किया जा रहा है. एपीएल कंस्यूमर्स के आटा तथा चावल में वृद्धि हो सकती है. वही एपीएल उपभोक्ताओं में से कुछ लोगों को गरीब की श्रेणी में भी सम्मिलित किया गया है. इन गरीब लोगों को सरकार की तरफ से पूर्व ही 35 किलो राशन दिया जा रहा है. ऐसे में एपीएल कंस्यूमर्स को यह राशन बढ़ाकर दिया जाएगा. वही इस से उपभोक्ताओं के राशन में बढ़ोतरी होगी, तथा करदाताओं एवं उद्यमियों को बाहर किया जाएगा. साथ ही उपभोक्ताओं को इससे लाभ प्राप्त होगा.
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