आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य में अमूल को प्रोत्साहित करने की आड़ में देश के सबसे बड़े डेयरी घोटाले का खुलासा किया है। बता दें कि इस घोटाले के लिए टीडीपी के राष्ट्रीय आधिकारिक प्रवक्ता के पट्टाभि राम ने चिंता व्यक्त की थी। पट्टाभि राम ने एक बयान में कहा कि एपी सरकार राज्य में अमूल कंपनी को 2,314 करोड़ रुपये की डेयरी-संबंधित संपत्तियों को सौंपने की व्यवस्था कर रही थी, जबकि उन संपत्तियों के पट्टे की ओर एकत्रित करने के लिए सिर्फ 3.30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया जा रहा था।
इसके अलावा, अमूल दुग्ध चिलिंग के लिए 50 पैसे प्रति लीटर और अन्य राज्यों में प्रसंस्करण और पैकेजिंग के लिए 2 रुपये का भुगतान कर रहा था। लेकिन समझौते किए गए थे कि अमूल एपी में क्रमशः 2 पैसे, 5 पैसे और 12 पैसे प्रति लीटर का भुगतान करेगा। यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि टीडीपी नेता ने मुख्यमंत्री से पूछा कि वह बताएं कि अमूल के साथ इस तरह के मनमाने समझौते क्यों नहीं किए जा रहे हैं। जाहिर है, सत्तारूढ़ दल इन अवैध लेनदेन में बहुत बड़ा कमीशन ले रहा था।
बेहतर होगा कि मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने कोविड की दूसरी लहर के इस महत्वपूर्ण समय में अपनी भ्रष्टाचार की मानसिकता को अलग कर दिया क्योंकि बहुत सारे लोग अपनी जान गंवा रहे थे। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि टीडीपी नेता ने आलोचना की कि कैबिनेट बैठक का मुख्य उद्देश्य एपी डेयरी विकास निगम की सभी परिसंपत्तियों को अमूल को सौंपना था।
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