मुंबई: आप को सुकून देने वाली चाय की चुस्कियां आने वाले दिनों में आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है। एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती मजदूरी के चलते चाय कंपनियों पर कीमतों को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आगामी वित्त वर्ष में चाय की कीमतों में इजाफा हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, चाय उद्योग को अगले वित्तीय वर्ष में मजदूरी में वृद्धि और कीमतों पर इसके प्रभाव से पैदा होने वाली चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उत्पादन सामान्य स्तर का हो चला है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने रिपोर्ट में वर्ष 2020-21 के दौरान प्रदर्शन में बहुत सुधार के बाद चाय उद्योग के लिए वर्ष 2021-22 तक चुनौतियों के बने रहने की आशंका जताई है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नए सत्र में उत्पादन सामान्य होने पर थोक चाय की कीमतों पर असर एक अहम पहलू होगा, जो आगामी वित्तीय वर्ष में लाभप्रदता को प्रभावित करेगा। पश्चिम बंगाल ने हाल ही में अंतरिम आधार पर, मजदूरी दरों में 15 फीसद की वृद्धि का ऐलान किया है, जिससे थोक चाय कंपनियों के लिए उत्पादन की लागत में बढ़ोतरी होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में घरेलू चाय की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, अप्रैल-दिसंबर 2020 के दौरान उत्तर भारत की नीलामी औसतन 46 फीसद और दक्षिण भारत की चाय की नीलामी औसत 41 फीसद ऊंची बोली गयी है। घरेलू उत्पादन में 10 फीसदी की गिरावट की वजह से चाय की कीमतों में भारी तेजी देखी गई, जबकि खपत में तेजी बनी रही।
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