डिंडौरी: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में 'सामुदायिक परंपरा' का हवाला देते हुए एक सरकारी कर्मचारी ने अपनी पत्नी के शव को अपने घर के भीतर दफना दिया। पड़ोसियों के विरोध के पश्चात् शव को बाहर निकाला गया तथा कब्रगाह ले जाया गया। मंगलवार को शिक्षिका ओंकार दास मोगरे (50) ने सिकल सेल रोग से मरने के पश्चात् अपनी पत्नी रुक्मणी (45) के शव को घर के बरामदे में दफना दिया।
स्थानीय लोगों ने घर में शव दफनाने की शिकायत डिंडौरी तहसीलदार गोविंदराम सलामे से की। सूत्रों के अनुसार, शव को घर में दफनाते वक़्त पड़ोसियों एवं उनके रिश्तेदारों ने विरोध किया था। हालांकि, मोगरे ने लोगों को कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह अपनी पत्नी से प्यार करते हैं।
उन्होंने स्थानीय लोगों को पनिका समुदाय की एक प्रथा के बारे में भी बताया जिसमें डिंडौरी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय परिसर में परिवार के सदस्यों के शवों को दफनाया जाता है। कोतवाली थाना प्रभारी सीके सिरामे ने बताया कि मोगरे ने 23 अगस्त को सामुदायिक प्रथा के हवाले से शव को दफना दिया था। पड़ोसियों के विरोध के पश्चात् स्थानीय अफसरों द्वारा अगले दिन शव को निकाला गया। तत्पश्चात, शव को कब्रगाह में दफनाया गया है।
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