लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल में एक महिला मुस्लिम शिक्षिका पर अपने ही समुदाय के छात्र से एक हिंदू छात्र को पिटवाने का इल्जाम लगा है। ये मामला सेंट एंथनी स्कूल का है। छात्र के माता-पिता ने आरोप लगाया कि टीचर शाइस्ता ने उनके बेटे को स्कूल में मुस्लिम छात्र से पिटवाया। अभिभावकों का कहना है कि टीचर ने उनके बेटे को यह कहते हुए पिटवाया कि वह हिंदू है।
A muslim teacher Shaista asked muslim student Md Adi to slap a Hindu student Manav Tyagi for not answering a question in a school in Sambhal, UP.
— BALA (@erbmjha) September 29, 2023
Will the Islamist gang of LKFC @zoo_bear now outrage ? Liberals? Has it “shocked the conscience” of the Supreme Court? pic.twitter.com/XNUnPGqiFY
रिपोर्ट के अनुसार, सेंट एंथनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल संभल जिले के असमोली थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले ग्राम दुगावर में स्थित है। यहाँ सिरोली गाँव के निवासी और सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले एक व्यक्ति का बेटा 5वीं कक्षा में पढ़ता है। छात्र के पिता ने बताया कि उनका बेटा विगत 26 सितंबर को स्कूल गया था, जहाँ वह कुछ सवाल का जवाब नहीं दे सका। इस पर उसकी टीचर शाइस्ता गुस्सा हो गई। लड़के के पिता ने बताया कि टीचर शाइस्ता ने उसी क्लास के एक मुस्लिम बच्चे से उनके बेटे की पिटाई करा दी। शिक्षिका के आदेश पर मुस्लिम छात्र ने पीड़ित के गाल पर कई थप्पड़ मारे। इसके बाद से पाँचवीं क्लास का छात्र, पीड़ित बच्चा उदास रहने लगा था।
पिता का कहना है कि उनका बच्चा डर और शर्मिंदगी की वजह से स्कूल नहीं जा रहा था। जब उन्होंने बच्चे से पूछा कि क्या हुआ तो उसने पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत स्कूल प्रशासन और पुलिस से की। पुलिस ने इस मामले में महिला शिक्षिका को अरेस्ट कर छानबीन शुरू कर दी है। ASP श्रीशचंद्र ने बताया कि मामले में आरोपित टीचर के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। बच्चे के पिता के आरोप बेहद गंभीर हैं। पुलिस ने SP कुलदीप सिंह गुनावत का निर्देश मिलते ही आरोपित टीचर शाइस्ता को अरेस्ट कर लिया है। इसके साथ ही स्कूल की प्रिंसिपल सेमिना ने आरोपित टीचर को स्कूल से निलंबित कर दिया है।
मुज़फ्फरनगर में ऐसी ही घटना, नेताओं से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बवाल:-
बता दें कि, लगभग एक महीने पहले यूपी के मुज़फ्फरनगर में ऐसी ही घटना घटी थी। जिसमे नेहा पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल तृप्ति त्यागी ने एक मुस्लिम छात्र को दूसरे बच्चों से पिटवाया था। प्रिंसिपल पर यह भी आरोप था कि, उन्होंने मुस्लिमो को लेकर धार्मिक टिप्पणी भी की थी। इस घटना को लेकर जमकर राजनीति हुई थी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी, जयंत चौधरी से लेकर तमाम नेताओं ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ नफरत बताते हुए सरकार पर निशाना साधा था। वहीं, यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पंहुचा था, जिसमे अदालत ने कहा था कि, ''इस घटना से सरकार की अंतरात्मा झकझोर जानी चाहिए।''
वहीं, इस मामले पर आरोपित प्रिंसिपल तृप्ति त्यागी ने बताया था कि, ''मैं मारपीट को सही नहीं मानती, मगर मैं बच्चे को कंट्रोल करने के लिए उस वक्त विवश थी। बच्चे के माता-पिता की भी यही मांग थी कि इसे टाइट करो, ये पढ़ाई नहीं करता। मगर इस घटना (थप्पड़ वाली घटना) के बाद मेरा माइंड अपसेट हो गया है। मैं सोचती हूं, अब जियूं या न जियूं।'' वो कहती हैं कि, मैं दिव्यांग हूँ, कुर्सी से उठ नहीं पा रही थी, इसलिए दूसरे बच्चों से सजा दिलवाई, यही मेरी गलती है। मुस्लिमों पर विवादित टिप्पणी करने को लेकर तृप्ति त्यागी ने कहा था कि, इस स्कूल में ज्यादातर बच्चे मुस्लिम हैं, बच्चे को थप्पड़ मारने के दौरान उसका बड़ा भाई नदीम वहीँ मौजूद था और हँसते हुए वीडियो बना रहा था। आरोपित प्रिंसिपल कहती हैं कि, ''मैंने उस वक्त यही कहा था कि जितनी भी मोमडेन (मुस्लिम) मां हैं, वो अपने बच्चों को लेकर मायके न जाएं। क्योंकि परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इससे पढ़ाई में नुकसान होगा और बच्चे एग्जाम नहीं दे पाएंगे।''
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