भोजशाला के लिए याचिका लगाने वाले टीचर की गई नौकरी, अब स्कूल प्रबंधन ने दिया ये जवाब

भोजशाला के लिए याचिका लगाने वाले टीचर की गई नौकरी, अब स्कूल प्रबंधन ने दिया ये जवाब
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धार: मध्य प्रदेश में धार से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ भोजशाला केस को लेकर पीआईएल दाखिल करने वाले मैथ टीचर कुलदीप तिवारी को विद्यालय से निकाल दिया गया है. कुलदीप तिवारी ने आरोप लगाया कि उनके शिखा रखने, तिलक लगाने एवं कलावा बांधने के कारण स्कूल प्रबंधन ने ऐसा किया है. जबकि स्कूल प्रबंधन ने तर्क दिया है कि कुलदीप तिवारी को उनकी हरकतों के कारण बाहर किया गया है. इससे पहले उन्हें कई बार चेतावनी भी दी जा चुकी है. उनके पीआईएल दाखिल करने के सवाल पर स्कूल प्रबंधन ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है. इसका स्कूल के कामकाज से कोई संबंध नहीं है.

कमलेश तिवारी धार के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में 15 वर्षों से गलती पढ़ा रहे हैं. इसके अतिरिक्त वह सामाजिक सरोकारों के साथ राष्ट्रहित के कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं. चोटी एवं तिलक धारण करने वाले कमलेश तिवारी का आरोप है कि उनकी वेशभूषा कई लोगों को अखरती है, इसलिए उनके विरुद्ध यह कार्रवाई की गई है. यही नहीं, विभिन्न अदालतों में दाखिल उनकी जनहित याचिकाओं को भी वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया. वहीं जब उन्होंने इसके लिए इंकार किया तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

स्कूल प्रबंधन की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कमलेश तिवारी ने पूछा है कि जब वह प्रोफेशनल नहीं थे तथा अच्छा नहीं पढ़ाते थे तो कैसे इस स्कूल में डेढ़ दशक से अध्यापन कार्य कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि ज्ञानवापी और भोजशाला से संबंधित मामले को उठाते ही अचानक वह कैसे अनप्रोफेशनल हो गए. दूसरी तरफ, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजेंद्र नगर के शाखा प्रबंधन ने कुलदीप तिवारी के इल्जामों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि जब वह बच्चों को पीटेंगे, सही तरीके से अध्यापन कार्य नहीं करेंगे तो उन्हें क्यों रखा जाएगा.

उन्होंने कहा कि विद्यालय की तरफ से पहले भी उन्हें कई बार चेतावनी दी गई, किन्तु सुधार नहीं हुआ तो अब उनकी सेवाएं समाप्त करने के लिए नोटिस दिया गया है. विद्यालय से निकाले जाने के पश्चात् कुलदीप तिवारी ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ यूपी सरकार को भी शिकायत दी है. आरोप लगाया है कि भोजशाला केस वापस नहीं लेने पर स्कूल प्रबंधन ने उनके विरुद्ध ये कार्रवाई की है. बता दें कि इंदौर उच्च न्यायालय में बीते दिनों भोजशाला केस में सुनवाई होनी थी, किन्तु मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले कुलदीप तिवारी ने बताया कि उनकी शिकायत पर अभी तक कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. इसके कारण वह परेशान चल रहे हैं.

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