पटना: बिहार के मोतिहारी जिले में एक सरकारी विद्यालय के हेडमास्टर ने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। हेडमास्टर साहब कैमरे के समक्ष 'मैं विद्यालय जाता हूं', 'मैं विद्यालय जा रहा हूं' का इंग्लिश में अनुवाद नहीं पाए तथा मुआयना करने पहुंचे एसडीओ के सामने बगले झांकने लगे। वहीं, विद्यालय के एक और टीचर जलवायु एवं मौसम के बीच अंतर नहीं बता सके। अब इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
जिले के पकड़ीदयाल प्रखंड क्षेत्र सरकारी विद्यालय की यह घटना है। दरअसल, एसडीओ रविंद्र कुमार पिछले दिनों कुछ विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसी के चलते वह चैता पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय गए और सीधे क्लासरूम में पहुंच गए। SDO ने क्लासरूम में बच्चों को पढ़ा रहे एक सहायक अध्यापक मुकुल कुमार से पूछ लिया कि जलवायु, मौसम और पर्यावरण के बीच क्या अंतर है? जिसका सही उत्तर नहीं प्राप्त हो सका। तत्पश्चात, स्वयं एसडीओ ने ब्लैकबोर्ड पर लिखकर अध्यापक समेत बच्चों को सरल भाषा में विस्तार से इन सबके बारे में बताया।
तत्पश्चात SDO रविंद्र कुमार ने विद्यालय के हेडमास्टर विश्वनाथ राम के कक्ष में पहुंच गए तथा पूछा, ''आप कौन से विषय के अध्यापक हैं?'' जवाब में शिक्षक ने कहा, ''मैं अंग्रेजी और संस्कृत पढ़ाता हूं।'' स्कूल का मुआयना करने के बाद पत्रकारों से चर्चा में एसडीओ रविंद्र कुमार ने कहा, शिक्षकों को आवश्यकता है कि बच्चों को पढ़ाने से पहले घर से पढ़कर आएं। अध्यापकों की स्वाध्याय की आदत छूट गई है, ऐसे में शिक्षा विभाग को चाहिए कि वक़्त-वक़्त पर अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाए। वही यह सुन एसडीओ ने अध्यापक से सवाल किया कि 'मैं विद्यालय जाता हूं' का आप अंग्रेजी और संस्कृत अनुवाद बता दीजिए। जिसका उन्हें गलत जवाब मिला। फिर अफसर ने कहा कि चलो, ''मैं विद्यालय जा रहा हूं'' को ट्रांसलेट कीजिए। मगर हेडमास्टर जी न तो अंग्रेजी और न ही संस्कृत में इस वाक्य का अनुवाद कर पाए।
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