कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इस वक्त कर्नाटक में है। जी हाँ और राहुल गांधी यात्रा के दौरान हर वर्ग के लोगों से संवाद करते आगे बढ़ रहे हैं। आप सभी को बता दें कि कांग्रेस नेता ने बीते शुक्रवार को दावा किया कि उनके सामने शिक्षकों ने कन्नड़ भाषा और संस्कृति पर हमले होने का मुद्दा उठाया। जी दरअसल टीचर्स ने कहा कि हमारे एजुकेशनल सिस्टम पर वैचारिक ताकतें लगातार प्रभावित कर रही हैं। अब यह अटैक अब हमारे सिलेबस तक पहुंच गया है।
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ऐसे में राहुल ने कहा, ‘मैंने शिक्षकों और छात्रों से बात की। टीचर्स ने कहा कि सरकारी स्कूलों की उपेक्षा क्यों की जा रही है? हमारी संस्कृति, हमारी ‘कन्नड़’ भाषा पर हमला क्यों हो रहा है? पाठ्य पुस्तकों से कर्नाटक के इतिहास का गौरव क्यों मिटाया जा रहा है ? हमारी संस्कृति और इतिहास को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।’ इसी के साथउन्होंने कहा कि नया एनईपी 2020 (New Education Policy 2020) विशेष रूप से पिछले 75 वर्षों में किए गए सभी कार्यों को पूर्ववत करने के लिए बनाया गया था। राहुल गांधी ने इस बदलाव के पीछे का मकसद सांप्रदायिकता, केंद्रीकरण और व्यावसायीकरण बताया। जी दरअसल सरकारी स्कूल की टीचर पूर्णिमा ने कहा कि, 'आज सरकारी स्कूलों के सफलता के पैमानों पर पिछड़ने का कारण यह नहीं है कि निजी स्कूल उनसे बेहतर हैं बल्कि इसके पीछे बुनियादी चीजें हैं।'
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि, 'शिक्षकों की कमी और स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी कर्नाटक में सरकारी शिक्षा प्रणाली के दो सबसे बड़े मुद्दे हैं।' ऐसे में राहुल गांधी ने उन्हें जवाब दिया और कहा कि, 'उन्होंने कुछ सरकारी स्कूली बच्चों से अंग्रेजी में बात की लेकिन वे बोल नहीं पा रहे थे। राहुल गांधी ने उनसे भाषा के बारे में पूछा।' इस पर पूर्णिमा ने जवाब दिया कि छात्रों के लिए अंग्रेजी और हिंदी सीखना महत्वपूर्ण है क्योंकि बैंक आवेदन जैसी किसी चीज के लिए राज्य के अधिकांश ग्रामीण हिस्सों में भी केवल हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है।
इस दौरान राहुल गांधी ने आश्चर्य के साथ कहा कि, 'कर्नाटक में कन्नड़ भाषा में बैंक आवेदन नहीं होते।' आपको बता दें कि राहुल गांधी और अन्य भारत यात्रियों ने रोज की तरह यात्रा के 30वें दिन भी 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की। दिवंगत पत्रकार गौरी लंकेश की मां इंदिरा लंकेश और बहन कविता लंकेश कर्नाटक के मांड्या जिले में राहुल गांधी से मिलीं और फिर इस यात्रा में कुछ दूर पैदल चलीं। राहुल गांधी ने इंदिरा लंकेश को गले लगाकर उनका यात्रा में स्वागत किया।
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