गुड़गांव: शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए केवल सरकार या बच्चों को ही नही बल्कि इसके लिए शिक्षको को भी अपनी कमर पूरी ताकत के साथ कसनी होगी. शिक्षको को शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए अपनी मेहनत को कई गुना बढ़ाना होगा. तब ही यह संभव हो पायेगा. पिछली दो मासिक परीक्षाओं की बात की जाए या उनके परिणाम उठा कर देखे तो, शिक्षा के स्तर में कोई विशेष सुधार देखने को नही मिलेगा. ऐसी स्थिति में आने वाली वार्षिक परीक्षाओं को ध्यान में रखये हुए तेजी से इस पर मेहनत करने की आवश्यकता हैं.
वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम को मासिक परीक्षाओं के परिणाम से बेहतर बनाने के लिए काम किया जायेगा. शिक्षा में मजबूती नहीं बना पा रहे स्कूलों में शिक्षा के प्रति मजबूती और अच्छी गुणवत्ता प्रदान करने के लिए एक सफलतम कार्य योजना का निर्माण किया जा रहा हैं. इस विषय पर उक्त विद्यालयों के प्राचार्यों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामकुमार फलस्वाल के मुताबिक़ पहली से 12वीं तक के बच्चों के लर्निंग आउटकम को 75 प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए जिले के चारों बीईओ और बीईईओ भी प्रयासरत हैं. इसके लिए जिलास्तर पर डीसी मॉनीटरिंग भी की जा रही हैं. इसके तहत जिले में शिक्षा में कमजोर विद्यालयों को भी चयनित कर लिया गया हैं. साथ ही सभी स्कूलों से कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है, इसके अनुसार स्तर में सुधार किया जाएगा.
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