टीचिंग लाइन में जानें की हो चाह तो आप भी करें कुछ ऐसा

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आज हर व्यक्ति के लिए शिक्षा की जरूरत है. देश के प्रत्येक नागरिक को शिक्षित होना अतिआवश्यक है.इसी के चलते हमारी सरकार शिक्षा को बढाबा देने के लिए बहुत से सफल प्रयास कर रही है .और आगे भी प्रयास जारी रहेगें. शासन हर एक क्षेत्र में शिक्षण संस्थान खुलवा रही है .सरकार का उद्देश्य है की हमारे देश का हर एक व्यक्ति शिक्षित हो. शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों ने ना केवल स्टूडेंट्स के लिए ज्ञान के दरवाजे खोले हैं बल्कि टीचरों को भी कई तरह के अवसर प्रदान किये हैं. शिक्षा ही मानव के स्तर को ऊंचा उठाती है .

टीचिंग लाइन में  है बेहतर करियर -
शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी जरूरत हमेशा रहेगी ,जब तक मानव जीवन सम्भव है.आज हर एक क्षेत्र में जितने भी विकास हो रहे है. वे सभी शिक्षा की वजह से ही आज व्यक्ति हर एक क्षेत्र में कार्य करने में सक्षम है. आज बढ़ रहे शिक्षा के क्षेत्र की वजह से हमें शिक्षण संस्थानों के साथ ही साथ शिक्षक की भी अतिआवश्यकता होती है .बहुत से स्कूलों में आज भी शिक्षक की कमी है .

टीचर बनने के इच्‍छुक उम्‍मीदवारों के लिए इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्‍तर पर कई कोर्स मौजूद हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) : टीचिंग क्षेत्र में आने के लिए युवाओं के बीच यह कोर्स काफी लोकप्रिय है. पहले यह कोर्स एक साल का था, जिसे 2015 से बढ़ाकर दो साल का कर दिया गया है. इस कोर्स को करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है. एग्जाम देने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है. कई प्राइवेट कॉलेज एंट्रेंस टेस्ट के बिना भी सीधे एडमिशन तो देते हैं मगर उन कॉलेजों से बीएड करना ज्यादा लाभदायक है जो एंट्रेंस प्रोसेस के तहत दाखिला देते हैं. हर साल बीएड कोर्स के लिए एंट्रेंस टेस्ट कंडक्‍ट किया जाता है. राज्यस्तरीय परीक्षाओं के अलावा इग्नू, काशी विद्यापीठ, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीएड पाठ्यक्रमों को काफी बेहतर माना जाता है. इस कोर्स को करने के बाद उम्मीदवार प्राइमरी, अपर प्राइमरी और हाई स्कूल में पढ़ाने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.

बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट): यह कोर्स केवल उत्तर प्रदेश के उम्‍मीदवारों के लिए है और इसमें केवल राज्‍य के ही स्‍टूडेंट हिस्‍सा ले सकते हैं. यह भी दो साल का कोर्स है. इस कोर्स को करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है. इस परीक्षा के लिए जिले स्तर पर काउंसलिंग कराई जाती है. परीक्षा देने के लिए उम्मीदवारों का ग्रेजुएट होना जरूरी है. साथ ही इसके लिए आयु सीमा 18-30 साल रखी गई है. इस कोर्स को करने के बाद उम्‍मीदवार प्राइमरी और अपर प्राइमरी लेवल के टीचर बनने के योग्‍य हो जाते हैं.

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