नई दिल्ली: पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन (23 नवंबर) भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबले में हालात ने बिल्कुल पलट बदल दिया। पहले दिन, जहां बल्लेबाजी करना बेहद कठिन लग रहा था, वहीं दूसरे दिन भारतीय ओपनर्स यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने शानदार प्रदर्शन किया। दूसरे दिन के खेल के अंत तक जायसवाल 90 रन पर नॉट आउट थे, जबकि राहुल ने 62 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए थे। इस दौरान भारतीय टीम का स्कोर 172/0 था, और उनकी बढ़त 218 रनों की हो चुकी थी।
यह दिन ऐतिहासिक भी रहा क्योंकि राहुल और जायसवाल ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट में 20 साल बाद शतकीय साझेदारी की। इससे पहले, 2004 में आकाश चोपड़ा और वीरेंद्र सहवाग ने इसी मैदान पर 123 रन जोड़े थे। पिच का मिजाज भी अचानक बदल गया, और दिन के अंत तक सिर्फ तीन विकेट गिरे, जिनमें सभी ऑस्ट्रेलिया के थे। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 104 रनों पर सिमट गई, जिससे भारत को 46 रनों की बढ़त मिली। पहले दिन पिच तेज गेंदबाजों के लिए मुफीद साबित हो रही थी, लेकिन दूसरे दिन भारतीय ओपनर्स ने इस पर बेहतरीन बल्लेबाजी की, ऐसा लगा जैसे पिच का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका हो।
पहली पारी में भारत ने 150 रनों पर सात विकेट खो दिए थे, जिसमें नीतीश कुमार रेड्डी ने 41 रन बनाकर सर्वाधिक स्कोर किया था। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और मिचेल मार्श ने दो-दो विकेट लिए, जबकि जोश हेजलवुड ने चार विकेट झटके। भारत की ओर से बुमराह ने पांच विकेट हासिल किए, हर्षित राणा ने तीन और मोहम्मद सिराज ने दो विकेट चटकाए। इस टेस्ट मैच में तेज गेंदबाजों का दबदबा देखने को मिला, क्योंकि पहले दो दिन में सभी 20 विकेट तेज गेंदबाजों ने ही लिए।
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