पटना : लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की ओर से 'लालू-राबड़ी मोर्चा' बनाए जाने से उपजे हालात पर उनके छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. जबकि तेजस्वी ने बुधवार को तेजप्रताप को जान से मारने की धमकी वाले मामले पर भी कुछ नहीं बोला है. लेकिन दूसरी ओर इस मामले में तेजप्रताप को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का साथ मिला है.
आपको बता दें कि इस मामले पर सुशील मोदी ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि परिवार में तेजप्रताप को नीचा दिखाने की कोशिश जारी है और उन्हें नीचा दिखाने के लिए ही उनके ससुर चंद्रिका राय को टिकट मिला है. आगे बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा, लालू परिवार में सत्ता का वारिस बनने के लिए लड़ाई जारी है. उन्होंने माना कि तेजप्रताप में लालू की छवि नजर आती है, लोग उन्हें पसंद भी करते हैं. जबकि मीसा को लेकर उन्होंने कहा कि मीसा भारती को भी स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया है और इस स्थिति में बड़े नेताओं की चुप्पी कुछ और इशारा कर रही है.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि ऐसे में इस मसले पर शिवानंद तिवारी को बोलना चाहिए. इससे पहले मंगलवार को बीजेपी के दो पूर्व विधायकों को राजद में शामिल कराने हेतु तेजस्वी खुद आने वाले थे, लेकिन अंत समय में वे नहीं आने की सूचना देकर चुनाव प्रचार के लिए चले गए थे और देर रात एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी ने केवल यह कहा था कि यह पारिवारिक मामला है और हम मिल-बैठकर इसे सुलझा लेंगे.
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