हैदराबाद: तेलंगाना के पेड्डापल्ली जिले के सरकारी अस्पताल में एक व्यक्ति की कोरोना की चपेट में आने से मौत हो गई तो घंटों उसकी लाश अस्पताल में पड़ी रही. नगर निगम के ड्राइवर, लाश को अस्पताल से श्मशान ले जाने में लापरवाही कर रहे थे. इस दौरान अस्पताल के एक डॉक्टर ने ही इस काम के लिए कमर कसी. उस डॉक्टर ने खुद ही शव को एक ट्रैक्टर में रखवाया और ट्रैक्टर चला कर श्मशान घाट तक ले गए.
डॉ श्रीराम पेड्डापल्ली जिले में नोडल अधिकारी हैं. जब नगर निगम के ड्राइवर ने डेड बॉडी को श्मशान घाट ले जाने से मना कर दिया तो उन्होंने स्वयं PPE किट पहनी और शव को लेकर श्मशान घाट तक गए, ताकि पूरे रीति-रिवाज के साथ मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जा सके. रिपोर्ट के अनुसार, पेड्डापल्ली के सरकारी अस्पताल में रविवार सुबह 45 साल के एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया था. अस्पताल ने नगर निगम को बॉडी श्मशान घाट तक ले जाने के लिए कहा, किन्तु वहां कोई नहीं आया और बॉडी अस्पताल के वार्ड में ही पड़ी रही.
डॉ श्रीराम ने कहा कि जिले का नोडल ऑफिसर होने के नाते ये मेरी जिम्मेदारी थी कि शव का सही तरीके से अंतिम संस्कार किया जाए. डॉ श्रीराम ने कहा कि उन्होंने ट्रैक्टर इसलिए चलाया ताकि ड्राइवर को आश्वस्त किया जा सके कि कोरोना के खिलाफ जंग में तैनात रहना प्रशासनिक जिम्मेदारी है और इसका पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए.
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