हैदराबाद: तेलंगाना के CM के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने प्रदेश के मौलवियों और इमामों को बड़ा तोहफा दिया है। तेलंगाना वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने जानकारी दी है कि सीएम KCR ने राज्य के इमामों व मुअज्जिनों की 3 माह से बकाया सैलरी के लिए 17 करोड़ रुपए पास कर दिए हैं, और बाकी बची हुई रकम 18 जुलाई तक मिल जाएगी। वक्फ बोर्ड प्रमुख मोहम्मद मसीउल्लाह खान के अनुसार, 'मैं CM केसीआर को शुक्रिया कहता हूँ कि उन्होंने मुअज्जिनों और इमामों की बीते 3 महीने से बकाया वेतन के लिए 17 करोड़ रुपए पास किए। 2 माह के वेतन के लिए 10 करोड़ रुपए पहले ही जारी किए जा चुके हैं। बाकी के पैसे 18 जुलाई तक मिल जाएँगे।'
Hyderabad | I thank CM KCR for sanctioning Rs 17 crore for salaries of Imam & Muezzins pending for past 3 months. 2 month's salary amounting to Rs 10 crore has already been released, rest too would come by July 18: Mohd Masiullah Khan, Chairman Waqf Board of Telangana pic.twitter.com/EaCiCsnuMQ
— ANI (@ANI) July 16, 2022
बता दें कि तेलंगाना सरकार काफी समय से राज्य के इमामों और मुअज्जिनों को मानदेय के रूप में 5000 हजार रुपए प्रतिमाह दे रही है। इससे राज्य के हजारों इमाम-मुअज्जिन को लाभ मिलता है। कुछ दिनों पहले ऑल इंडिया सूफी उलेमा काउंसिल के मौलाना हकीम सूफी खैरुद्दीन ने सीएम KCR को पत्र लिखते हुए इमामों-मुअज्जिनों का बकाया वेतन देने की गुहार लगाई थी। इसके साथ ही पत्र में माँग की गई थी कि वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनका आरोप था कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
मौलाना हकीम ने बताया कि 7000 इमाम और मुअज्जिन 3 वर्षों से लंबित वेतन के लिए लगातार बोर्ड कार्यालय के चक्कर काटते रहे, मगर बोर्ड अधिकारियों ने उनकी समस्या का कोई निराकरण नहीं किया। उनकी शिकायत थी कि बोर्ड के कर्मचारी, बोर्ड को अपनी निजी संपत्ति मानने लगे हैं और वहाँ भ्रष्टाचार हो रहा है। मौलाना ने यह भी कहा था कि यदि इन 7000 इमामों को वेतन नहीं दिया गया, तो वह लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।
उधर, सोशल मीडिया पर KCR के इस फैसले की आलोचना हो रही है। एक यूजर ने सवाल किया है कि, 'क्या इमाम और मुअज्जिन कोई सरकारी नौकरी कर रहे हैं, या मुअज्जिन होना कोई सरकारी पद है, ये शुद्ध रूप से तुष्टिकरण की राजनीति है, जिस पर करदाताओं के पैसे खर्च किए जा रहे हैं। शर्म आनी चाहिए KCR तुम्हें, क्या तुम हिंदू पुजारियों को भी वेतन और पेंशन दोगे या सिर्फ मंदिरों से पैसा लेकर उन्हें मुस्लिमों को दिया जाएगा।'
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