हैदराबाद: दक्षिण भारत में अपना विस्तार करने का प्रयास कर रही भाजपा को बड़ा झटका लगा है, तेलंगाना में अकेले चुनाव लड़ रही भाजपा को 2014 में पांच सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन इस बार के चुनाव में भाजपा को इतनी सीटें भी मिलती दिखाई नहीं दे रहीं हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले दावा किया था कि, वे इस बार तेलंगाना में नई सरकार का गठन करेंगे.
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लेकिन उनका दावा गलत होता दिख रहा है, ताजा रुझानों के अनुसार, तेलंगाना में भाजपा को मात्र दो सीटों पर बढ़त है. यदि अंतिम परिणाम का ऐलान होने तक यही क्रम जारी रहा तो भाजपा 2 सीटों पर ही समाप्त हो जाएगी. अब भाजपा के लिए चिंता का एक विषय टीआरएस की भारी जीत भी है. भाजपा को टीआरएस के एक अनौपचारिक सहयोगी के रूप में देखा जा रहा है, भाजपा ने परिणामों से पहले यह भी कहा था कि वह टीआरएस को समर्थन प्रदान करेगी, बशर्ते टीआरएस, एआईएमएम का दमन छोड़ दे.
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इन नतीजों के बाद शायद ही टीआरएस, भाजपा के साथ 2019 के चुनाव में गठबंधन करे. यहां तक कि जब भाजपा ने नतीजों से पहले टीआरएस को समर्थन देने का ऐलान किया था, तब भी टीआरएस ने इस बात से साफ़ इनकार कर दिया था, उसने कहा था कि वह खुद अकेले दम पर चुनाव जीत सकती है.
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